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उड़ती फ्लाइट में यात्री की मौत के बाद भी तुरंत क्यों नहीं होती लैंडिंग?

एक एयर होस्टेस ने वीडियो बनाकर बताया है कि अगर उड़ान के दौरान फ्लाइट में किसी पैसेंजर मौत हो जाती है तो इसके साथ क्या किया जाता है? एयर होस्टेस का यह वीडियो वायरल हो रहा है. इसे अब तक करीब 28 लाख बार देखा जा चुका है.

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एयर होस्टेस ने बताया- आमतौर पर मौत के बाद पैसेंजर को सीट पर ही छोड़ दिया जाता है (प्रतीकात्मक तस्वीर/GettyImages)
एयर होस्टेस ने बताया- आमतौर पर मौत के बाद पैसेंजर को सीट पर ही छोड़ दिया जाता है (प्रतीकात्मक तस्वीर/GettyImages)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एयर होस्टेस बोलीं- मृत पैसेंजर को सीट पर ही छोड़ दिया जाता है
  • मौत की वजह से नहीं होती है फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग

अगर फ्लाइट में उड़ान के दौरान किसी की मौत हो जाती है तो उसके बाद क्या किया जाता है? इस बारे में एक एयर होस्टेस ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर बताया है. उनके इस वीडियो को 30 लाख से अधिक बार देखा गया है.

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बता दें कि 5 अगस्त 2022 को ऐसा ही मामला सामने आया था जब उड़ती फ्लाइट में एक महिला की मौत के बाद अगले 8 घंटे तक उनका शव उनकी सीट पर ही पड़ा रहा. हेलेन रोड्स फ्लाइट से हॉन्‍ग कॉन्‍ग से ब्रिटेन जा रही थी. फ्लाइट में यात्रा के दौरान ही उनकी मौत हो गई. हेलेन पेशे से नर्स थीं. 

हेलेन रोड्स दो बच्‍चों और पति के साथ हॉन्‍ग कॉन्‍ग से ब्रिटेन जा रही थीं, लेकिन फ्लाइट के अंदर सोते हुए ही उनका निधन हो गया. इसके बाद बच्‍चों ने मां के शव के साथ ही 8 घंटे का सफर तय किया था. 

एयर होस्टेस ने बताई प्रक्रिया

25 साल की शीना मारी 2 साल से एक एयरलाइंस के लिए फ्लाइट अटेंडेंट का काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि अगर प्लेन पर किसी इंसान की मौत हो जाती है तो उसके बाद क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है.

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'मृत पैसेंजर को सीट पर ही छोड़ दिया जाता है'

वीडियो में शीना ने बताया कि आमतौर पर मृत पैसेंजर को उनकी सीट पर ही छोड़ दिया जाता है. शीना ने बताया कि फ्लाइट अटेंडेंट्स पैसेंजर की मौत के कंफर्मेशन के लिए शख्स के पास जाकर उनका प्लस चेक करते हैं. अगर प्लेन के पिछले हिस्से में जगह होती है तो बॉडी को वहीं रखा जाता है.

अगर प्लेन में जगह नहीं हो तो डेड बॉडी को फ्लाइंट लैंड करने तक कंबल में लपेटकर सीट पर ही छोड़ दिया जाता है. शीना ने कहा कि सेफ्टी के लिए बॉडी को बेल्ट से बांध दिया जाता है.

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हालांकि, अलग-अलग एयरलाइंस में पैसेंजर की मौत को लेकर अलग-अलग प्रोटोकॉल्स हो सकते हैं. लेकिन शीना ने कहा कि वह 3 एयरलाइंस के साथ काम कर चुकी हैं और तीनों में लगभग एक जैसे ही नियम थे.

जब एक बार सारे पैसेंजर्स प्लेन से उतर जाते हैं, इसके बाद मेडिकल प्रोफेशनल्स को बुलाया जाता है और वे लोग बॉडी को चेक करते हैं.

पैसेंजर को मेडिकल हेल्प देने की क्या प्रक्रिया है? 
शीना ने कहा कि अगर पैसेंजर के रिवाइवल का कोई चांस नजर आता है तो क्रू मेंबर्स पता लगाते हैं कि प्लेन पर कोई ऑनबोर्ड मेडिकल प्रोफेशनल है या नहीं? उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर्स मौजूद होते हैं तो उन्हें इलाज के लिए बुलाया जाता है.

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शीना ने कहा- प्लेन में इतने इक्विपमेंट्स मौजूद होते हैं कि किसी की सर्जरी तक की जा सकती है. इसके बाद केबिन क्रू सिचुएशन के बारे में पायलट को बताते हैं. पायलट एयरलाइंस के लिए मौजूद ऑन-कॉल डॉक्टर्स को कॉन्टैक्ट करते हैं. अगर फ्लाइट में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं हो तो वे लोग क्रू को गाइड करते हैं.

हालांकि, शीना ने कहा कि फ्लाइट अटेंडेंट मेडिकल प्रोफेशनल्स नहीं होते हैं तो कानूनी तौर पर वह किसी को मृत घोषित नहीं कर सकते हैं.

क्या कहता है International Air Transport Association (IATA) का नियम?
तय गाइडलाइंस के मुताबिक, अगर पैसेंजर के जीवित होने के चांस होते हैं तो क्रू मेंबर उन्हें तब तक CPR देगा जब तक वह फिर से सांस लेना शुरू ना कर दे या जब तक कि पैसेंजर को प्रोफेशनल केयर मिलना ना शुरू हो जाए.

IATA मुताबिक, अगर कोई शख्स मृत पाया जाता है तो क्रू मेंबर्स को इसकी जानकारी पायलट को देनी होती है. ताकि वह इसके बारे में लैंडिंग स्टेशन को अलर्ट कर दे और वहां इसके लिए सारी जरूरी तैयारियां की जा सके.

IATA के गाइडलाइंस के मुताबिक, पैसेंजर की बॉडी को किसी ऐसी सीट पर शिफ्ट कर दिया जाना चाहिए जहां कम से कम लोग मौजूद हों और अगर फ्लाइट फुल रहे तो उन्हें उनकी सीट पर ही छोड़ देना चाहिए.

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तय गाइडलाइंस के मुताबिक, अगर एयरलाइंस में जगह हो तो मृत पैसेंजर को बॉडी बैग में रखा जाना चाहिए या गर्दन तक उसके शरीर को कंबल से ढका जाना चाहिए. आंखो को बंद कर के बॉडी को बेल्ट से बांध देना चाहिए.

गौर करने वाली बात यह भी है कि मौत की वजह से फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग या डायवर्सन जरूरी नहीं है. शीना के मुताबिक, इस बारे में पायलट को आखिरी डिसीजन लेने का अधिकार है जो कि वह एयर ट्रैफिक कंट्रोल और मेडिकल एक्सपर्ट से बातचीत कर लेते हैं.

फ्लाइट में मेडिकल इमरजेंसी आमतौर पर नहीं होती
ग्लोबल रेस्क्यू के एसोसिएट मेडिकल डायरेक्टर Dr. Claudia Zegans ने Conde Nast Traveler से बातचीत में कहा कि कमर्शियल फ्लाइट्स में किसी की मौत बहुत रेयर है. उन्होंने बताया कि 600 उड़ान के दौरान एक मेडिकल इमरजेंसी होती है या फिर 10 लाख पैसेंजर्स में 16 मेडिकल इमरजेंसी आती हैं.

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