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भारत को क्या मिला PM मोदी के ब्रिटेन दौरे से?

लगातार अपने विदेश दौरों को लेकर विपक्ष के हमलों का शिकार होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी ब्रिटेन के तीन-दिवसीय दौरे पर हैं. अपने इस दौरे के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए. प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन की संसद को संबोधित किया. ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.

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साझा प्रेस कांफ्रेंस में PM मोदी और ब्रिटेश PM डेविड कैमरन
साझा प्रेस कांफ्रेंस में PM मोदी और ब्रिटेश PM डेविड कैमरन

लगातार अपने विदेश दौरों को लेकर विपक्ष के हमलों का शिकार होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी ब्रिटेन के तीन-दिवसीय दौरे पर हैं. अपने इस दौरे के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए. प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन की संसद को संबोधित किया. ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. नजर डालते हैं कि प्रधानमंत्री के इस दौरे से भारत को क्या हासिल हुआ?

1. UNSC में दावेदारी का जोरदार समर्थन
ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा प्रेस कांफ्रेंस में जोरदार समर्थन के लिए कैमरन को धन्यवाद दिया. ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि सबसे पुराना व सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत व ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं.

2. असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन दिवसीय ब्रिटेन दौरे के पहले दिन दोनों पक्षों द्वारा प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद भारत व ब्रिटेन ने एक असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए. वार्ता के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ एक साझा बयान जारी करते हुए PM मोदी ने कहा, 'आज हमने एक असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह हमारे पारस्परिक विश्वास का प्रतीक है.'

3. स्मार्ट सिटी परियोजना में साथ
दोनों नेताओं ने ब्रिटेन व भारत के बीच आर्थिक, रक्षा व वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई. साथ हीं कैमरन ने ऐलान किया कि अमरावती, इंदौर व पुणे को स्मार्ट सिटी बनाने में ब्रिटेन सहयोग करेगा.

4. नौ अरब पाउंड के समझौते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली ब्रिटेन यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन के बीच नौ अरब पाउंड के समझौते हुए जिनमें छह काफी महत्वपूर्ण हैं. इसमें दूरसंचार, सौर ऊर्जा, निवेश, स्वच्छ ऊर्जा, हेल्थकेयर, स्टॉक एक्सचेंज, अंतरिक्ष क्षेत्र समेत तमाम क्षेत्रों में सहयोग की बात शामिल है. भारत में ब्रिटेन को तीसरा सबसे बड़ा निवेशक बताते हुए PM मोदी ने कहा कि भारत ने यूरोपीय संघ में कुल मिलाकर जितना निवेश किया गया है, उससे अधिक निवेश ब्रिटेन में किया है.

5. दाऊद की संपत्ति सीज कराने की पहल
भारत के दुश्मनों के खिलाफ शिकंजा कसने की कोशिशों के तहत भारत ने ब्रिटेन को एक डोजियर भी सौंपा. जिसमें मोस्ट वांटेड अपराधी और पाकिस्तान में शरण पाए दाऊद इब्राहिम के ब्रिटेन में ठिकानों को सीज करने की मांग शामिल है. इन दस्तावेजों में ब्रिटेन में स्थित दाऊद की संपत्तियों का ब्यौरा है.

प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, दुनिया की 10 देशों में दाऊद की 50 प्राइम प्रॉपर्टी हैं. इनकी कीमत करीब 3000 करोड़ रुपये आंकी गई है. लेकिन सबसे ज्यादा निवेश ब्रिटेन और लंदन में ही हुआ है. ब्रिटेन में दाऊद और उसके करीबियों की 15 संपत्तियां हैं, जिनकी कीमत करीब 1500 करोड़ रुपये आंकी जा रही है.

6. निवेश बढ़ाने की कोशिश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन के गिल्ड हॉल में अपने संबोधन के दौरान ब्रिटेन के निवेशकों को लुभाने की पूरी कोशिश की. लंदन के ऐतिहासिक गिल्डहॉल में व्यापार जगत की बड़ी शख्सियतों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की तरक्की के लिए 'जरूरी हालात' पैदा किए गए हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि 'अभी भारत से जुड़ना समझदारी है.'

लंदन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ साझा बयान के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने असहिष्णुता के सवाल पर चुप्पी तोड़ी. पीएम ने कहा कि भारत गांधी और बुद्ध की धरती है और भारत ऐसी किसी भी बात को स्वीकार नहीं करता है. उन्होंने कहा, 'देश के किसी भी कोने में हुई हर घटना हमारे लिए गंभीर है. कानून कठोरता से काम करेगा. हर नागरिक के विचार की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है.'

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