तारीख 7 अक्टूबर 2023, सुबह का वक्त. फिलिस्तीन के आतंकी सगंठन हमास ने इजरायल पर रॉकेट दाग दिए. जहां लोगों को आम दिनों की तरह सोकर उठने के बाद अपने रोजमर्रा कामों की ओर बढ़ना था, ऐसें में सुबह की शुरुआत ऐसी हुई कि सैकड़ों लोग कभी नींद से ही न उठे. ये इजरायल की आम जनता थी. जो कि हमास से हमले का शिकार हुई. हमास का हमला इतना जोरदार था कि इसे सदी का सबसे बड़ा अटैक कहा जा रहा है.
थोड़ी ही देर में पूरी दुनिया को खबर लगी कि इजरायल पर आतंकी हमला हुआ है. यह हमला गाजा पट्टी से हुआ और पड़ोसी देश फिलिस्तीन के आंतकी संगठन हमास ने किया. 24 घंटे के अंदर सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. हजारों लोग घायल हैं. शहर के शहर तबाह हो रहे हैं और ये जंग जंगल की आग की तरह फैलती ही चली जा रही है. हमास की क्रूरता और बर्बरता के बाद इजरायल ने जिस ढंग से पलटवार किया है उसने इतना तो स्पष्ट कर दिया है कि ये लड़ाई किसी अंजाम तक गए बिना अब रुकने वाली नहीं है.
अब पलटवार कर रहा इजरायल
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के हमले के बाद एक वीडियो मैसेज जारी किया. उन्होंने साफ कर दिया कि इजरायल को निशाना बनाने वाले एक भी आतंकी को छोड़ा नहीं जाएगा. इजरायल पर हुए हमले के बाद नेतन्याहू ने एक वीडियो जारी कर देश की जनता को संबोधित किया और कहा कि, 'हम युद्ध में हैं और हम जीतेंगे.' यानी संदेश साफ है कि अब नेतन्याहू हमास को बख्शने के मूड में नहीं हैं. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संकल्प लिया है कि हमास के अंत तक अब ये जंग जारी रहेगी. ऐसे में इस हमास की पृष्ठभूमि और उसके द्वारा किए गए हमले को समझते हैं.
जब हमास का गठन हुआ
यूं तो यहूदियों और मुसलमानों के बीच कई वर्षों से संघर्ष चले आ रहे थे. लेकिन इन संघर्षों में एक खतरनाक मोड़ साल 1987 में आया. 1987 वो वर्ष है जब हमास का गठन हुआ. हमास यानी हरकतुल मुकावमतुल इस्लामिया या इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन. ये फिलिस्तीनी सुन्नी मुसलमानों की एक सशस्त्र संस्था है. विश्व इसको एक आतंकी संगठन के नाम से जानता है. हमास का गठन 1987 में मिस्र और फिलस्तीन ने मिलकर किया था, जिसका उद्धेश्य उस क्षेत्र में इसरायली प्रशासन के स्थान पर इस्लामिक शासन की स्थापना करनी थी.
हमास का गाजा पर कब्जा
फिलहाल हमास का कब्जा गाजा पट्टी पर है. गाजा पट्टी पूर्वी भूमध्यसागरीय तट पर स्थित एक फिलिस्तीनी क्षेत्र है. गाजा पट्टी करीब 10 किलोमीटर चौड़ा और 41 किलोमीटर लंबा इलाका है. वहां 22 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं. 2006 के फिलिस्तीनी विधायी चुनावों में जीत हासिल करने के बाद, इसने 2007 में अपने प्रतिद्वंद्वी फतह के साथ हिंसक संघर्ष के बाद गाजा पर कब्जा कर लिया. तब से, हमास गाजा पर राज कर रहा है, जबकि फतह वेस्ट बैंक पर शासन करता है. हमास पिछले कुछ सालों में इजराइल के ठिकानों पर कई हमले कर चुका है, जिनमें आत्मघाती बम विस्फोट, रॉकेट लॉन्च समेत अन्य हमले शामिल हैं. इन हमलों में हमास और इजराइल, दोनों ही लोगों की जान बड़ी संख्या में जा चुकी है. इजरायल, अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और ब्रिटेन सहित कई देश इसे आतंकवादी संगठन घोषित कर चुके हैं.
इजरायल और हमास के बीच टकराव का इतिहास क्या है?
साल 2006 में हमास ने गाजा पर कब्जा कर लिया था. हमास ने राष्ट्रपति महमूद अब्बास पर उसके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था. तो वहीं हमास के कब्जे को राष्ट्रपति अब्बास ने तख्तापलट कहा था. तभी से हमास और इजरायल के बीच संघर्ष का दौर शुरू हो गया. जिसके बाद अक्सर गाजा से इजरायल में हमास के रॉकेट हमले होते रहे हैं, वहीं इजराइल भी हवाई हमले और बमबारी करता रहा है.
हमास इजरायल राज्य को मान्यता देने से इनकार करता रहा है. चरमपंथी समूह हमास ने 1990 के दशक के मध्य में इज़राइल और पीएलओ द्वारा बातचीत के बाद किए गए ओस्लो शांति समझौते का हिंसक विरोध किया था. हमास के पास एक सशस्त्र विंग है, जिसका नाम इज अल-दीन अल-कसम ब्रिगेड है. यह ब्रिगेड इजराइय में बंदूकधारी और आत्मघाती हमलावर भेजता रहा है. हमास अपनी सशस्त्र गतिविधियों को इजराइल के खिलाफ प्रतिरोध बताता है.
दोनों पक्षों में रह-रहकर हिंसक टकराव होता रहता है. इससे पहले सबसे खतरनाक टकराव 2014 में देखने को मिला था. तब 50 दिनों तक चले संघर्ष में करीब ढाई हजार फिलिस्तीनी मारे गए थे. इजरायल के भी लगभग 80 लोगों की जान गई थी. इसके बाद मई 2021 में इजरायल के सुरक्षा बल यरुशलम की अल अक्सा मस्जिद (Al Aqsa Mosque Jerusalem) में पहुंच गए थे. वहां हुए टकराव में सैकड़ों फिलिस्तीनी मारे गए. हमास ने गाजा इलाके से इजरायल पर कई रॉकेट दागे थे. इजरायल ने जवाब में गाजा पट्टी पर हवाई हमले किए. करीब 11 दिनों तक यह लड़ाई चली. इसमें गाजा के कम से कम 250 लोग और इजरायल के 15 लोगों की जान गई थी.
हमास कितना मजबूत है?
रिपोर्ट्स की मानें तो हमास इजरायली सेना के मुकाबले कमजोर संगठन ही है, लेकिन इसे कम करके नहीं आंकना भूल होगी. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, हमास के पास रॉकेट से लेकर मोर्टार और ड्रोन तक की क्षमताएं हैं. हमास अपने हमलों में सटीक-निर्देशित एंटी-टैंक मिसाइलों का भी इस्तेमाल करता है. हमास मुख्य रूप से गाजा पट्टी में हथियार बनाता है. इजरायल का दावा है कि हमास ने ईरान से हथियार बनाने की तकनीक हासिल की है.
इजरायल पर मौजूदा हमले की वजह क्या है?
दरअसल, इस विवाद की वजह अल-अक्सा मस्जिद परिसर है. हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने 'ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म' की घोषणा की है. यह एक नया ऑपरेशन है, जिसका मकसद संवेदनशील माने जाने वाले अल-अक्सा परिसर को आजाद कराना है. अल-अक्सा मस्जिद यरूशलेम शहर में है. हाल के दिनों में यहूदी लोग अपने पवित्र त्योहार मनाने के लिए यहां आए हैं. इस परिसर में ही टेंपल माउंट है, जहां यहूदी प्रार्थना करते हैं.
मोसाद को खबर तक न लगी
ये तो हुई हमास की बात. अब यहां इजरायल के एजेंसी फेलियर पर भी खुलकर बात हो रही है. दरअसल इजरायल के पास विश्व की सबसे जबरदस्त इंटेलिजेंस एजेंसी मोसाद है. लेकिन फिर भी हमास ने इतने बड़े हमले को अंजाम दिया कि अब मोसाद के काम करने के तरीके पर ही सवाल उठ रहे हैं. हजारों रॉकेटों का एक साथ फायर किया जाना, हमास के आतंकियों का किसी ट्रेंड फौजियों की तरह पैरॉ ड्रॉप होना, ये बगैर किसी ट्रेनिंग के मुमकिन नहीं है. सवाल है कि अगर हमास इस स्तर की तैयारी कर रहा था तो दुनिया की सबसे बेहतरीन खुफिया एजेंसी मोसाद क्या कर रही थी.