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ड्रोन पर फाइटर जेट के हमले का Video जारी, पहले आसमान में टक्कर... अब समंदर में क्यों भिड़े अमेरिका-रूस?

रूस के Su-27 ने अमेरिकी ड्रोन पर पहले फ्यूल डंप किया. फिर उसके रोटर को डैमेज किया. आसमान में हुई इस टक्कर के बाद अब काला सागर की तलहटी को लेकर भिड़े पड़े हैं अमेरिका और रूस. वजह ये है कि जो ड्रोन समुद्र में डूबा है, उसमें कई खुफिया जानकारी हो सकती हैं. इसलिए दोनों देश जूझ रहे हैं.

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इस वीडियो ग्रैब में बाएं ड्रोन के ऊपर फ्यूल डंप करता रूसी फाइटर जेट, दाएं ड्रोन के पीछे लगा रोटर डैमेज दिख रहा है.
इस वीडियो ग्रैब में बाएं ड्रोन के ऊपर फ्यूल डंप करता रूसी फाइटर जेट, दाएं ड्रोन के पीछे लगा रोटर डैमेज दिख रहा है.

अमेरिका (US) के MQ-9 Reaper ड्रोन को रूस (Russia) के Su-27 Fighter Jet ने काला सागर (Black Sea) में गिरा दिया. इसके बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव का माहौल है. अमेरिका और रूस के बीच डिप्लोमैटिक तनातनी चल रही है. आसमानी टकराव के बाद अब काला सागर के अंदर यानी उसकी तलहटी में पड़े ड्रोन के मलबे को लेकर आमने-सामने हैं. इस बीच अमेरिका ने ड्रोन पर हुए रूसी फाइटर जेट के हमले का वीडियो जारी कर दिया है. इसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि रूसी फाइटर जेट्स ने अमेरिकी ड्रोन पर कई बार फ्यूल डंप किया. उसके बाद उसके रोटर में टक्कर मार दी. 

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जानिए...  शुरू से अब तक क्या हुआ? 

- 14 मार्च 2023 की सुबह दो रूसी Su-27 फाइटर जेट्स अमेरिकी जासूसी ड्रोन को काला सागर में मार गिराया. 
- अमेरिका ने कहा कि जहां ये घटना हुई, वो अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा है. वहां पर किसी एक देश का अधिकार नहीं है. 
- यूक्रेन के अधिकारियों ने भी अमेरिका की इस बात का समर्थन किया. कहां ड्रोन इंटरनेशनल वॉटर्स के ऊपर था. 
- ड्रोन काला सागर में मौजूद स्नेक आइलैंड के दक्षिण-पूर्व में गिरा है. यह द्वीप यूक्रेनी शहर ओडेसा से 35 KM दूर है. 
- रूस का दावा है कि अमेरिकी ड्रोन क्रीमियन प्रायद्वीप के पास उड़ रहा था, जो कि उसके कब्जे में है. 
- मॉस्को ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध चल रहा है, ऐसे में उसने उस एयरस्पेस का इस्तेमाल प्रतिबंधित कर रखा है. 

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Russia-US Drone Black Sea
इस गूगल मैप में ऊपर बाएं वाले घेरे में स्नेक आइलैंड हैं, जहां पर क्रैश साइट की संभावना है. रूसी दूसरे घेरे के पास ड्रोन गिरने का दावा कर रहे हैं. 

अमेरिकी ड्रोन रोमानिया के बेस से रूटीन उड़ान पर था. उसे एक शेड्यूल मिशन के दौरान क्रीमिया पर नजर रखनी थी लेकिन अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में रहते हुए. यह बात एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने पुष्ट की. इसके बाद अमेरिका ने हम अपने इस तरह के मिशन अब भी जारी रखेंगे. क्योंकि हम अंतरराष्ट्रीय नियमों को मानते हैं. अमेरिका में रूस के एंबेसेडर एनातोली एंतोनोव ने कहा कि अमेरिकी ड्रोन रूस की सीमा के पास अनचाही गतिविधियां कर रहा था. 

Black Sea Russia US Drone
अमेरिकी ड्रोन के कैप्चर हु्आ रूसी Su-27 फाइटर जेट से होता हुआ फ्यूल डंप. इसके बाद कैमरा कुछ देर बंद हो जाता है. 

रूसी फाइटर जेट के हमले का वीडियो हो रहा वायरल

ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक ड्रोन उड़ते हुए दिख रहा है. उसके ऊपर दो बार रूसी फाइटर जेट फ्यूल डंप करते हैं. पहली बार में फ्यूल ड्रोन पर नहीं गिरता. लेकिन दूसरी बार में ड्रोन पर फ्यूल गिरता है. जिससे उसका कैमरा काम करना बंद कर देता है. थोड़ी देर के बाद जब कैमरा ऑन होता है, तब पीछे के रोटर का एक पंखा डैमेज दिखाई देता है. 

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जनरल मार्क माइली कहते हैं कि उस ड्रोन को निकालने का कोई फायदा नहीं है. क्योंकि उसमें जो कुछ भी महत्वपूर्ण था, अब वह नहीं रहा. उधर, रूस कह रहा है कि ड्रोन घटना से ये पुख्ता होता है कि अमेरिका यूक्रेन युद्ध में उसका समर्थन कर रहा है. हजारों किलोमीटर दूर अगर अमेरिका अपना ड्रोन उड़ा रहा है, इसका मतलब है कि वह यूक्रेनी सैनिकों के लिए रूस की खुफिया जानकारी जुटा रहा है. 

Snake Island Ukraine
ये है स्नेक आइलैंड जो यूक्रेनी बंदरगाह शहर ओडेसा से करीब 35 किलोमीटर दूर है. (फोटोः गेटी)

अब ड्रोन कहां है... क्या वह निकल पाएगा? 

ड्रोन को निकालना मुश्कल है. क्योंकि काला सागर के उस हिस्से में रूसी युद्धपोत निगरानी कर रहे हैं. स्नेक आइलैंड पर पहले रूस का कब्जा था लेकिन अब यूक्रेनी सैनिकों ने उन्हें भगा दिया है. लेकिन सागर में रूसी युद्धपोत मौजूद हैं. अगर यूक्रेनी सरकार इस ड्रोन के बचे-कुचे डूबे हुए हिस्सों को निकाल कर अमेरिका को दे दे तो ये संभव है. 

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि सेना पता कर रही है कि क्या उस ड्रोन को निकालने का मिशन कर सकते हैं. यूएस ज्वाइट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मार्क माइली ने कहा कि काला सागर में जहां MQ-9 रीपर डूबा है, वहां गहराई 4000 से 5000 फीट के बीच है. ड्रोन काफी गहराई तक डूब चुका होगा. ऐसे में कोई रिकवरी ऑपरेशन करना, वो भी ऐसी जगह से जहां युद्ध चल रहा हो. संघर्ष की स्थिति बनने की आशंका हो वो बहुत मुश्किल है. 

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US Drone Damaged Roter
आप देख सकते हैं कि कैसे रूसी फाइटर जेट ने ड्रोन के एक रोटर को बुरी तरह से मोड़ दिया है. 

रूस के युद्धपोत ड्रोन की क्रैश साइट पर पहुंचे 

रूस की पुतिन सरकार कह रही है कि उनके फाइटर जेट्स ने अमेरिकी ड्रोन को फिजिकली डैमेज किया है. इसलिए वह अमेरिकी ड्रोन को काला सागर की गहराइयों से निकालने का प्रयास कर सकता है. इसके लिए रूस ने अपने युद्धपोतों को ड्रोन के डूबने वाली जगह पहुंचा दिया है. ABC न्यूज के सीनियर पेंटागन रिपोर्टर लुइज मार्टीनेज ने ट्वीट किया है कि जहां ड्रोन गिरा था, वहां पर रूसी युद्धपोत पहुंच चुके हैं. 

आगे क्या होगा... अगर ड्रोन मिलता है तो क्या होगा? 

- फिलहाल अमेरिका और रूस में तनातनी चल रही है. अमेरिका ने अन्य साथियों के साथ मिलकर यूक्रेन को अरबों रुपये के हथियार और मदद दी है. ताकि वो रूस के खिलाफ जंग लड़ते रहें. 
- हालांकि, अमेरिका अभी तक सीधे तौर पर रूस के सामने नहीं आया था. वह सीधे होने वाले किसी भी भिड़ंत से बचना चाहता है. अमेरिका ने कहा था कि वो जल्द ही ड्रोन पर हमले का वीडियो जारी करेगा. 
- वॉशिंगटन किसी भी तरह से रूस के साथ सीधा संघर्ष मोल नहीं लेगा. मॉस्को भी इस घटना को बहुत आगे नहीं ले जाएगा. क्योंकि उसे पता है कि अमेरिका के साथ मिलकर कई देश विरोध कर सकते हैं. 
- जहां तक बात रही डूबे हुए ड्रोन की तो अमेरिका ने अब तक उसके सारे डेटा को हटा दिया होगा. ड्रोन में ऐसी व्यवस्थाएं पहले से होंगी कि अगर ऐसी स्थिति आए तो उसके डेटा दुश्मन के हाथ न लगे. अगर उसमें कोई खास तकनीक है, तो वो दुश्मन के हाथ लगने से पहले खत्म हो जाए. 

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