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अबु मोहम्मद अल-जुलानी.... कौन है असद के 24 साल पुराने शासन का अंत करने वाला विद्रोही

अबु मोहम्मद अल-जुलानी ने सीरिया के दमिश्क पर कब्जा कर राष्ट्रपति बशर अल-असद के 24 साल पुराने शासन का अंत कर दिया. अब उनका इरादा एक नई सरकार बनाने और अपनी छवि को सुधारने पर है.

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जुलानी ने अल-कायदा में रहते हुए बगदादी के साथ भी काम किया है. (Photo: CNN Screengrab/Youtube)
जुलानी ने अल-कायदा में रहते हुए बगदादी के साथ भी काम किया है. (Photo: CNN Screengrab/Youtube)

सीरिया में पिछले हफ्ते हालात अचानक बदल गए. इसके बाद देखते ही देखते विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति बशर अल-असद के 24 साल के लंबे शासन का अंत कर दिया. इस अभियान की कमान संभालने वाले शख्स हैं अबु मोहम्मद अल-जुलानी. जुलानी का नाम पहले भी काफी सुर्खियों में रहा है. वो 1982 में सऊदी अरब में पैदा हुए. उनके पिता पेट्रोलियम इंजीनियर थे. बचपन में सात साल तक सऊदी अरब में रहे, फिर उनका परिवार सीरिया लौट आया.  

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जुलानी ने 2003 में अल-कायदा जॉइन किया. उस वक्त अमेरिका ने इराक पर हमला किया था. फिर 2011 में उन्होंने अपना एक अलग ग्रुप बनाया, जिसे जबहात अल-नुसरा कहा गया. बाद में यही ग्रुप हयात तहरीर अल-शाम (HTS) बन गया.  

ISIS से अलग होने की कहानी  

जुलानी ने अल-कायदा में रहते हुए अबु बक्र अल-बगदादी के साथ भी काम किया. लेकिन 2013 में उन्होंने ISIS से अलग होने का ऐलान कर दिया. इसके बाद उन्होंने ISIS के खिलाफ लड़ाई लड़ी.  

HTS और जुलानी की नई पहचान  

2018 में अमेरिका ने HTS को आतंकी संगठन घोषित कर दिया और जुलानी पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा. लेकिन जुलानी ने अपनी छवि बदलने की कोशिश की. उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि उनका मकसद निर्दोष लोगों को मारना नहीं है.  

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सीरिया के इदलिब प्रांत में HTS ने अपनी पकड़ बनाई और एक सिविल एडमिनिस्ट्रेशन 'सेल्वेशन गवर्नमेंट' शुरू की. जुलानी का कहना है कि वो सीरिया में ऐसी सरकार चाहते हैं, जहां जनता अपने नेता चुन सके.  

अब आगे क्या?  

दमिश्क पर कब्जे के बाद अब जुलानी HTS को एक वैध और मजबूत प्रशासनिक इकाई के तौर पर पेश करना चाहते हैं. वो चाहते हैं कि दुनिया उनके संगठन को आतंकवाद से जोड़कर न देखे, बल्कि सीरिया के भविष्य में एक अहम भूमिका निभाने वाला मानें. क्या जुलानी सीरिया की तस्वीर बदल पाएंगे? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.  

आपको बता दें कि सीरिया में बशर अल-असद के 24 साल के शासन और 13 साल से चल रहे गृह युद्ध का अंत हो गया है. देश की राजधानी पर अब हयात अल-शाम का कब्जा है. विद्रोही समूह के लड़ाकों ने महज 10 दिनों में ही दमिश्क फतह कर लिया. विद्रोही ने इसके बाद ऐलान किया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण चाहते हैं, और तब तक प्रधानमंत्री को कुर्सी पर बने रहने के लिए कहा है.

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