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कौन हैं मोहम्मद ताहीर-उल-कादरी?

पाकिस्तान सरकार के लिए सिरदर्द बने मोहम्मद ताहीर उल कादरी अभी पिछले महीने ही कनाडा से पाकिस्तान लौटे हैं. 19 फरवरी 1951 में जन्मे कादरी 2005 से ही लगातार कनाडा मे रह रहे हैं. उन्होंने कनाडा की नागरिकता भी ले रखी है.

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पाकिस्तान सरकार के लिए सिरदर्द बने मोहम्मद ताहीर उल कादरी अभी पिछले महीने ही कनाडा से पाकिस्तान लौटे हैं. 19 फरवरी 1951 में जन्मे कादरी 2005 से ही लगातार कनाडा मे रह रहे हैं. उन्होने कनाडा की नागरिकता भी ले रखी है. उनका दावा है कि ये आंदोलन पाकिस्तान से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए हैं. उनका कहना है कि वो पाकिस्तान को बचाने के लिए देश लौटे हैं.

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पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई में गोल्ड मेडलिस्ट डॉ कादरी ने उसी विश्वविद्याल में कानून भी पढ़ाया है. 1981 में मिनहाज-उल-कुरान इंटरनेशनल की स्थापना करने के साथ ही 1990 में उन्होंने एक राजनीतिक दल पाकिस्तान अवामी तहरीक की भी स्थापना की.

पिछले दो तीन दशकों से कादरी पाकिस्तान में शांति और अमन के लिए काम कर रहे हैं और मानते हैं कि पाकिस्तान की कट्टरपंथी ताकतें पाकिस्तान को कमजोर कर रही हैं. कादरी खुलकर पाकिस्तानी प्रशासन और सरकार के खिलाफ बोलते हैं और कहते हैं कि पाकिस्तान का समूचा प्रशासन पाकिस्तान के सिर्फ उन तीन प्रतिशत लोगों के लिए काम करता है जो उच्चवर्गीय और कुलीन हैं. बाकी जनता की सुध लेने वाला पाकिस्तान में कोई नहीं है.

मोहम्मद ताहीर उल कादरी पहली बार तब चर्चा में आये जब 2010 में उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ 600 पन्नों का फतवा जारी किया. उसके बाद से ही पाकिस्तान में वे आतंकवादियों के निशाने पर हैं.

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