चीन में एक बार फिर कोरोना कहर बरपा रहा है और यह अब तक के घातक दौर में पहुंच गया है. देश से जीरो कोविड पॉलिसी हटते ही कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. एक्सपर्ट्स आने वाले समय में चीन में कोरोना से लगभग 10 लाख लोगों की मौत होने की आशंका जता रहे है. कहा जा रहा है कि अगले 90 दिनों में चीन की लगभग 60 फीसदी आबादी कोरोना संक्रमित हो सकती है. लेकिन इन सबके बीच सवाल बना हुआ है कि चीन कोरोना की ऐसी विस्फोटक स्थिति तक कैसे पहुंचा और आखिर चूक कहां हुई?
चीन में कोरोना की नई लहर दुनियाभर के लिए चिंता का कारण बन गई है. दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना अब एक बार फिर घातक रूप में लौट आया है. एक्सपर्ट्स का दावा है कि कोरोना के मामले घंटों में दोगुने हो रहे हैं. देश से बिना किसी खास तैयारी के जीरो कोविड पॉलिसी हटाने के गंभीर परिणाम देखने को मिल रहे हैं.
बिना तैयारी के जीरो कोविड पॉलिसी हटाई
चीन में बीते कुछ समय से जीरो कोविड पॉलिसी हटाने का पुरजोर विरोध किया जा रहा था. सरकार ने इन विरोधों को शांत कराने के लिए अचानक जीरो कोविड पॉलिसी हटा दी. लेकिन इससे हालात ऐसे बन गए कि कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट तेजी से फैलने लगा. अस्पताल और क्लीनिक्स के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखी जा सकती हैं. अस्पतालों में इलाज के लिए बेड खाली नहीं बचे हैं. कब्रिस्तान लाशों से पटे पड़े हैं. शवों को दफ्नाने के लिए कई-कई दिनों का इंतजार करना पड़ रहा है.
शहरी से ग्रामीण इलाकों में फैल रहा कोरोना
चीन में हालात ऐसे बन पड़े हैं कि शहरी इलाकों से ग्रामीण आबादी में कोरोना तेजी से फैल रहा है. इसकी वजह है कि लंबे समय से चीन में लगी जीरो कोविड पॉलिसी के हटते ही लोगों का बाहर निकलना शुरू हो गया है. ग्रामीण क्षेत्रों से लोग रोजगार और अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए शहर आ-जा रहे हैं और कोरोना लेकर लौट रहे हैं. ऐसे में कोरोना से कुछ हद तक बचे ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना दोबारा फैलना शुरू हो गया है.
सरकार ने देश से यह पॉलिसी हटा दी. इसके बाद स्थिति विस्फोटक हो गई. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना के कुल 3.80 लाख मामले दर्ज हुए हैं जबकि असल में यह संख्या 19 लाख से अधिक बताई जा रही है.
कोरोना टेस्टिंग की सुविधाओं में कमी
चीन कोरोना की इस विस्फोटक स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार नहीं था. देश में मास टेस्टिंग की रफ्तार बेहद मंद पड़ गई है. टेस्टिंग की कोई खास सुविधा नहीं है. ऐसे में लोग खुद से कोरोना किट खरीदकर टेस्ट करने को मजबूर है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कोरोना के अब तक जितने केस सामने आए हैं, दरअसल उससे कई गुना अधिक मरीज हैं.
लो हर्ड इम्युनिटी
चीन की जीरो कोविड पॉलिसी के पीछे सरकार की मंशा देश में कोरोना का एक भी केस नहीं होने देना था. लेकिन चीन में हालिया कुछ घटनाओं के बाद देश में इस पॉलिसी के खिलाफ लोगों ने मोर्चा खोल दिया. कोरोना के बीच कई देशों ने चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाना शुरू किया था. रोजमर्रा के कामों के लिए लोगों का घर से बाहर निकलना शुरू हुआ. लेकिन इसके उलट चीन सरकार ने लोगों को घरों में कैद कर दिया. इससे कोरोना से निपटने के लिए चीन के लोगों की तैयारी दुनिया के अन्य मुल्कों के लोगों के मुकाबले बहुत पीछे है.
कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना के मामले बढ़ने का कारण चीन की राष्ट्रीय नीति है, जिसमें इंसानी इम्युनिटी बढ़ाने के बजाए उससे बचाव के तरीके पर अधिक फोकस किया जाता रहा है. इस तरह की पॉलिसी का एक दुष्प्रभाव यह है कि चीन में बुजुर्गों की एक बड़ी संख्या है, जिन्हें बूस्टर डोज नहीं लगी है. देश की एक बड़ी आबादी बूस्टर डोज से महरूम है इनमें बड़ी तादाद बुजुर्गों की है.
चीन सरकार पर कोरोना मामले छिपाने का आरोप
चीन पर शुरुआत से ही कोरोना को लेकर आंकड़े छिपाने का आरोप लगता रहा है. साल 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चीन पर कोरोना से जुड़ी जानकारी छिपाने का आरोप लगाया था. चीन में कोरोना के मामले और इससे हुई मौतों के आंकड़ें छिपाने का आरोप अब भी लगता रहा है. लेकिन सोशल मीडिया पर चीन की भयावह तस्वीरों से वहां के हालात दुनिया के सामने आ रहे हैं. ऐस में अब चीन सरकार पर कोरोना के मामले सार्वजनिक करने का दबाव बढ़ा है.
क्रिसमस, चीनी नववर्ष ला सकता है तबाही?
चीन में कोरोना की पहली लहर क्रिसमस, दूसरी न्यू ईयर और तीसरी लूनर न्यू ईयर पर देखने को मिलेगी. चीन में 22 जनवरी को नववर्ष मनाया जाएगा. इससे पहले चीन के नववर्ष की पारंपरिक छुट्टियों पर हमेशा की तरह बेतहाशा भीड़ होगी. हालात ऐसे होंगे कि सड़कें और ट्रेन भीड़ से पटे होंगे. ऐसे में एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि यह स्थिति चीन के लिए बहुत घातक हो सकती है क्योंकि इस दौरान बड़ी संख्या में लोग छुट्टियां मनाने अपने घर लौटते हैं.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन को आने वाले समय में एक नहीं तीन तीन लहरों से अलर्ट रहना होगा. पहला झटका सर्दियों में लगेगा. क्रिसमस और न्यू ईयर के दौरान केस और बढ़ सकते हैं.