अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा, ये बहुत जल्दी साफ हो जाएगा. इस बार का मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा. अभी तक आए नतीजों में ट्रंप जीत के काफी करीब पहुंच गए हैं, लेकिन हिलेरी ने भी उन्होंने जोरदार टक्कर दी है.
70 साल के ट्रम्प ने चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय मूल के वोटरों को लुभाने की तमाम कोशिशें कीं. हालांकि एक सर्वे में 65 फीसदी भारतीयों ने 69 साल की हिलेरी को पसंद किया. ऐसे में कहना मुश्किल है कि भारतीय वोटरों का बहुमत किस उम्मीदवार की तरफ जाएगा. अमेरिका में भारतीय मूल के करीब 25 लाख लोग हैं. यह वहां की आबादी में एक प्रतिशत से कम है. फ्लोरिडा, ओहोयो और कोलोरोडो में भारतीय मूल का असर है.
ट्रम्प अपने प्रचार के दौरान पाकिस्तान के प्रति कड़ा रवैया दिखा चुके हैं. उन्होंने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि पाकिस्तान एक अस्थिर देश है और वहां मौजूद परमाणु हथियारों से पूरी दुनिया खतरे में है. ट्रम्प ने कहा है, 'पाकिस्तान ने 9/11 के बाद कई बार धोखा दिया है. राष्ट्रपति बनने पर पाकिस्तान को हर गलती के लिए सजा दूंगा. पाकिस्तान से निपटने के लिए भारत अमेरिका की मदद कर सकता है.'
हिलेरी भी पाकिस्तान को लेकर कई बार आशंका जता चुकी हैं कि वहां तख्तापलट हो सकता है और जिहादी सरकार पर कब्जा जमा सकते हैं. हिलेरी का कहना है कि आतंकी परमाणु हथियारों पर कब्जा कर सकते हैं और दुनिया को आत्मघाती परमाणु हमलावरों से जूझना पड़ेगा.
ट्रम्प और हिलेरी के इन बयानों से लगता है कि इनमें से कोई भी राष्ट्रपति बनता है तो भारत को फायदा होगा क्योंकि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ बन चुका है और आए दिन भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देता है.
ट्रम्प चीन को लेकर सख्त रुख दिखा चुके हैं. ट्रम्प ने अपनी चुनावी सभाओं में कहा कि हम उसे अपने पर्यावरण और मजदूरी स्तर को सुधारने के लिए मजबूर करेंगे. चीन को नतीजे भुगतने होंगे.
वहीं हिलेरी ने कहा, चीन हमारे बाजारों में सस्ते उत्पादों को अवैध तरीके से उतारता है. हमारे व्यापार से जुड़े राज चुराता है. अपनी मुद्रा से खेल खेलता है. सरकारी कंपनियों को अनुचित फायदा पहुंचाता है और अमेरिकी कंपनियों के साथ भेदभाव करता है. यदि मैं राष्ट्रपति चुनी जाती हूं तो उसे 'नियमों' से चलना होगा.
चीन एनएसजी समेत तमाम मसलों पर बार-बार भारत पर दबाव बनाता रहता है. अगर ट्रम्प या हिलेरी राष्ट्रपति बनते हैं तो एशिया में अपना दबदबा बनाने की कोशिश में जुटे चीन पर शिकंजा कसने के लिहाज से भारत के लिए अच्छा होगा.
दुश्मन के सामने डटकर खड़ा होना
ट्रम्प व्यक्तित्व बेहद मुखर है. वो किसी भी मसले पर बेबाक राय रखते हैं और दुश्मन के सामने डटकर खड़ा रहना उनकी खासियत है. चीन पर उन्होंने एक बार कहा कि वो निर्यात बढ़ाने के लिए अपनी मुद्रा में जोड़-तोड़ करता रहा है. इससे हमारे कामगारों को नुकसान हो रहा है. चीन अमेरिका का 'रेप' करता रहे, अब हम इसकी इजाजत नहीं दे सकते.
चीन और पाकिस्तान की तुलना में ट्रम्प और इनकी नीतियां भारत के ज्यादा करीब रह सकती हैं. अगर ट्रम्प राष्ट्रपति बनते हैं तो अमेरिका का एशिया में क्षेत्रीय सुरक्षा पर कड़ा रुख रह सकता है.
ट्रम्प ने भारतीय मूल के वोटरों का दिल जीतने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के मशहूर नारे 'अबकी बार, मोदी सरकार' की नकल कर अपना नारा बनाया, 'अबकी बार, ट्रम्प सरकार.' ट्रम्प को भी पता है कि नरेंद्र मोदी भारतीय अप्रवासियों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं. चाहे वो अप्रवासी अमेरिका में रहने वाले हों या ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले. ट्रम्प कई मौकों पर पीएम मोदी और भारत की तारीफ भी कर चुके हैं. ट्रम्प ने भारतीयों में भी हिंदू समुदाय की खूब तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि दुनिया और अमेरिका की संस्कृति के विकास में हिंदू समुदाय का उल्लेखनीय योगदान रहा है.
दूसरी ओर, हिलेरी का कहना है कि वो प्रेसिडेंट ओबामा की तरह ही भारत से रिश्ते मजबूत करेंगी. 21 वीं सदी भारत की होगी औऱ् एशिया में भारत ताकतवर होकर उभर रहा है.