चीन और रूस ने दक्षिण चीन सागर में बड़ा नौसैनिक युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है और इसे लेकर चीनी मीडिया ने अमेरिका पर निशाना साधा है. चीनी मीडिया का कहना है कि दोनों देशों की बढ़ती करीबियों से अमेरिका और जापान जैसे देश ज्यादा ही परेशान हैं.
'अमेरिका और जापान को परेशान न हों'
चीन सरकार के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने संयुक्त युद्धाभ्यास को लेकर अमेरिका पर निशाना साधते हुए संपादकीय में लिखा, 'अमेरिका और जापान जैसे देश युद्धाभ्यास को लेकर कुछ ज्यादा ही चिंता कर रहे हैं. उन्हें
परेशान होने दीजिए.' अखबार ने लिखा कि अमेरिका और जापान अपनी उंगलियां ही जला रहे हैं.
अमेरिका पर बरसी चीनी मीडिया
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, 'चीन और रूस के संयुक्त युद्धाभ्यास से डरने की कोई वजह नहीं है. अगर कुछ देश वेस्ट पैसिफिक में अपना दबदबा बनाना चाहते हैं तो उन्हें दो बार सोचना चाहिए क्योंकि चीन और रूस से
अकेले निपटना आसान नहीं है.' चाइनीज मीडिया पहले भी साफ कर चुका है कि इस संयुक्त युद्धाभ्यास को बाकी देशों के संयुक्त युद्धाभ्यास से अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए.
8 दिन तक चलेगा संयुक्त युद्धाभ्यास
चीन और रूस ने सोमवार से विवादित जल क्षेत्र में संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू किया. दोनों देश अमेरिका को घेरने के इरादे से अपना रणनीति गठबंधन मजबूत कर रहे हैं. चीनी नौसेना के प्रवक्ता लियांग यंग ने कहा
कि आठ दिन तक चलने वाले ‘ज्वाइंट सी 2016’ में हाल के चीन-रूस युद्धाभ्यास में अब तक के सर्वोच्च स्तर का मानकीकरण, लड़ाई और डिजिटलीकरण दिखेगा.
रूसी नौसेना ने तैनात किए पांच जहाज
चीन ने स्पष्ट नहीं किया है कि क्या अभ्यास दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्र में भी होगा, खासतौर पर बीजिंग के नाइन-डैश लाइन में, जिसपर चीन के दावे को जुलाई में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने खारिज
कर कर दिया था. रूसी नौसेना ने तीन सतही जहाज, दो आपूर्ति जहाज, दो हेलीकॉप्टरों, 96 मरीनों के साथ-साथ स्थल और जल दोनों जगह काम आने वाले बख्तरबंद उपकरणों को तैनात किया है. ज्यादातर चीनी बल
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी के तहत ननहाई (दक्षिण चीन) बेड़े से आए हैं जबकि कुछ बीहाई बेड़े और डोंघाई बेड़े से आए हैं.