काला सागर यानी ब्लैक सी (Black Sea) में रूस ने अमेरिका के ड्रोन को डुबा दिया है. इस घटना पर दुनिया के हर छोटे-बड़े देश की नजरें हैं. सभी आगे होने वाली प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. जिस काला सागर में अमेरिकी ड्रोन को गिराया गया है, उसकी सीमा रूस और यूक्रेन के अलावा तुर्की, बुल्गारिया, जॉर्जिया और रोमानिया से भी लगती है. ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि अमेरिका का ड्रोन काला सागर (Black Sea) में आखिर कर क्या रहा था? और आखिर अमेरिका के किस ड्रोन को रूसी फाइटर जेट्स ने मार गिराया है.
रूस के सुखोई-एसयू 27 (Sukhoi Su-27) ने अमेरिका के जिस एमक्यू-9 रीपर ड्रोन (MQ-9 Reaper) को काला सागर में गिराया है, उसका इस्तेमाल निगरानी (जासूसी) करने के लिए किया जाता है. इसे अमेरिका की डिफेंस कंपनी जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स (General Atomics) ने बनाया है. यह एक अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) है, जिसे प्रीडेटर बी भी कहा जाता है. इसे ज्यादातर लंबी दूरी की उड़ान भरने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. एमक्यू-9 रीपर ड्रोन का इस्तेमाल अमेरिका की वायुसेना करती है.
जंग के बाद बढ़ा मूवमेंट
जिस ब्लैक सी पर यह घटना हुई है, वहां अमेरिका के साथ-साथ NATO के फाइटर एयरक्राफ्ट भी लगातार उड़ान भरते रहते हैं. रूस-यूक्रेन की जंग शुरू होने के बाद से फाइटर जेट्स का मूवमेंट और ज्यादा बढ़ गया है. लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में पहली बार अमेरिका और रूस का सीधे तौर पर आमना-सामना हुआ है. आमतौर पर रूस के फाइटर जेट यहां लगने वाली यूक्रेन की हवाई सीमा से दूर ही उड़ान भरते हैं.
अमेरिका ने किया ये दावा
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी जनरल जेम्स बी. हेकर ने घटना के बाद कहा,'हमारा MQ-9 ड्रोन अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में नियमित उड़ान भर रहा था. रूसी विमान ने इसे इंटरसेप्ट कर इसे हिट किया. इस झड़प में एमक्यू-9 को काफी नुकसान पहुंचा और उसे पानी में ही डुबाना पड़ा. हेकर ने यह भी दावा किया कि इस दौरान रूस के दोनों Su-27 विमान मभी क्षतिग्रस्त हो गए.'
रूस ने बताया अपना पक्ष
पेंटागन के प्रवक्ता और वायु सेना के ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइडर ने बताया,'रूस के दोनों Su-27 को MQ-9 के पास पहली बार ड्रोन के समुंदर में समाने से करीब 40 मिनट पहले देखा गया. हालांकि, राइडर के इस दावे का रूस ने पूरी तरह से खंडन कर दिया है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने अपने दावे में कहा है कि ऊंचाई से गिरकर समुंदर में समाने से पहले अमेरिका का ड्रोन अनियंत्रित उड़ान भरते हुए नजर आया था.
बंद थे US ड्रोन के ट्रांसपोंडर
रूसी अधिकारियों ने अमेरिका पर एक और गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी ड्रोन रूस की हवाई सीमा की तरफ बढ़ रहा था. जब उसे इंटरसेप्ट किया गया तब उसके ट्रांसपोंडर बंद थे. बता दें कि ट्रांसपोंडर रेडियो सिग्नल प्राप्त करने और स्वचालित रूप से सिग्नल प्रसारित करने वाला उपकरण होता है.
कब जारी होगा घटना का वीडियो?
पेंटागन से इस मसले पर अलग-अलग पत्रकारों ने कई सवाल किए. उनसे पूछा गया कि क्या ड्रोन सशस्त्र था, इसका मिशन क्या था और यह काला सागर में कहां गिर गया? लेकिन पेंटागन ने इन सवालों के जवाब देने से फिलहाल इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि MQ-9 ने घटना का जो वीडियो रिकॉर्ड किया है. उसे जारी करने से पहले एक प्रक्रिया का पालन करना चाहिए. अभी यह बताया नहीं जा सकता कि इसमें कितना समय लगेगा.