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कुछ बड़ा होने वाला है! रूस-यूक्रेन के लंबे खिंचते युद्ध से मिल रहे ये खास संकेत

Russia-Ukraine War: यूक्रेन में जंग का आज 33वां दिन है. लड़ाई बदस्तूर जारी है. आज बातचीत होनी और रूस ने इससे पहले हमलों की झड़ी लगा दी.इस्कंदर मिसाइल, सुपर सोनिक मिसाइल और क्रूज मिसाइल से रूस ने यूक्रेन कई हमले बोले. यूक्रेन पर रूसी हमले का तैंतीसवां दिन है और यूक्रेन में बम, गोला, बारूद की गूंज थमने का नाम नहीं ले रही. आज जबकि इंस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत का नया दौर शुरू होने वाला है, इससे पहले रूस ने पोलैंड की सीमा से लगे लवीव पर हमले की झड़ी लगा दी.

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रूस-यूक्रेन जंग का आज 33वां दिन.
रूस-यूक्रेन जंग का आज 33वां दिन.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 24 फरवरी से जारी है रूस और यूक्रेन की जंग
  • इस्तांबुल में दोनों देशों के बीच बातचीत का नया दौर शुरू

रूस-यूक्रेन की जंग का आज 33वां दिन है. कल रात भी कीव, खारकीव, जाइटोमर सहित कई शहरों में बड़े धमाके हुए. यूक्रेन के ज्यादातर शहरों में हवाई हमले का अलर्ट था. आज फिर इस्तांबुल में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत का नया दौर शुरू हो रहा है. ये बातचीत 30 मार्च तक चलेगी. जिस तरह वास्तविक जंग के साथ जुबानी जंग लड़ी जा रही है उससे खतरा बना हुआ है कि 33 दिन से जारी जंग किसी रोज दुनिया के ज्यादातर मुल्कों में अपनी चपेट में ना ले ले. सबसे बडा खतरा परमाणु जंग का है. 

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जैसे-जैसे यूक्रेन में युद्ध लंबा खिंचता जा रहा है, वैसे-वैसे युद्ध के और भीषण होने का खतरा गहराता जा रहा है. यूक्रेन पर मिसाइल और रॉकेट बरसाने के साथ साथ रूस जो कुछ कर रहा है, उसके एक्शन से संकेत मिल रहे हैं, रूस का प्लान कुछ बड़ा है.

दो दिन पहले ही खबर आई थी कि पुतिन ने अपनी परमाणु पनडुब्बियों का बेड़ा अटलांटिक सागर में उतार दिया. खुद पुतिन समेत उनके विदेशमंत्री और प्रवक्ता अपनी परमाणु ताकत के नाम पर पश्चिमी देशों को बार बार धमका रहे. इन्हीं धमकियों के चलते फ्रांस भी अपनी 4 में 3 परमाणु पनडुब्बियों को समंदर उतार चुका है और अब बाइडेन की मौजूदगी के बावजूद पोलैंड बॉर्डर तक मिसाइल दागकर पुतिन ने दबंगई की इंतेहा पार दी है. 
 
33 दिनों से रूस के सामने डटे यूक्रेन के राष्ट्रपति हमलावर देर के राष्ट्रपति पुतिन के ऐसे भड़काऊ तेवरों को लेकर दुनिया को आगाह कर रहे हैं. रूस बारबार अपने परमाणु हथियारों की डींगे मार रहा है. इससे पूरी दुनिया में परमाणु हथियारों की खतरनाक दौड़ शुरू हो सकती है. 
 
जेलेन्स्की का डर बेवजह नहीं है. यूरोप में रूस को घेरकर बैठे देश रूस के सामने कमजोर पड़ती अपनी हनक से चिंता में आ गए हैं. दुनिया में दबंगई की रेस में पीछे छूटने के डर से इन देशों ने भी रूस की परमाणु धमकियों का जवाब उसी की भाषा में देना शुरू कर दिया है. 
 
NATO सिर्फ एक सुरक्षात्मक गठबंधन नहीं बल्कि एटॉमिक गठबंधन भी है. अगर यूक्रेन के खिलाफ रूस ज्यादा खौफनाक हथियार इस्तेमाल करता है तो इससे युद्ध का पूरा स्वरूप ही बदल जाएगा. और अगर ऐसा होता है तो मैं गारंटी देता हूं कि NATO भी उसी तरीके से जवाब देगा. 
 
रूस के पास 6 हजार से ज्यादा परमाणु हथियार हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा हैं. अमेरिका के पास करीब साढ़े 5 हजार जबकि यूरोपीय देशों में फ्रांस के पास 290 और ब्रिटेन के पास 225 परमाणु हथियार हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं. दुनिया के दूसरे हिस्से में चलें तो चीन के पास 350, पाकिस्तान के पास 165, भारत के पास 160, इजराइल के पास 90 और उत्तरी कोरिया के पास 45 परमाणु हथियार हैं. 
 
इन 9 देशों में से भारत, पाकिस्तान और इजराइल को छोड़कर बाकी सब अमेरिका और रूस के खेमों में साफ साफ बंटे हैं. यानि एक परमाण बटन दबा तो कम से कम 5 बटन और दबने तय हैं और अगर ऐसा हुआ तो धरती पर कुछ भी नहीं बचेगा.
 
(दोनेत्स्क से गीता मोहन, कीव से राजेश पवार और लवीव से गौरव सावंत के साथ आजतक ब्यूरो)

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