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क्या पाकिस्तान में गिर जाएगी शहबाज सरकार? इमरान खान के दावे से सियासी अटकलें तेज

पाकिस्तानी राष्ट्रपति अल्वी खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से ताल्लुक रखते हैं और संघीय गठबंधन बहुत कम बहुमत पर टिका हुआ है. एमक्यूएम-पी के नेशनल असेंबली में सात सदस्य हैं, अगर वह साथ छोड़ने का फैसला करते हैं तो शहबाज सरकार के गिरने के आसार बन जाएंगे. इमरान खान पहले ही कह चुके हैं कि वह पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा दोनों विधानसभाओं से इस्तीफा देंगे, ताकि संघीय सरकार को मध्यावधि चुनाव की घोषणा करने के लिए मजबूर किया जा सके.

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पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान

आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्‍तान में सियासी गद्दी को लेकर तनातनी जारी है. जहां एक तरफ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ महंगाई को नियंत्रण में लाने की कोशिश में जुटे हैं तो वहीं इमरान खान ने उनकी मुश्किलें बढ़ाने का फैसला कर दिया है. जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या पाकिस्तान की शहबाज सरकार गिर जाएगी. कारण, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के चेयरमैन इमरान खान ने बयान दिया है कि जल्द ही शहबाज शरीफ को विश्वासमत का सामना करना पड़ेगा. 

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खान का बयान तब आया है जब शहबाज शरीफ की गठबंधन वाली सरकार में शामिल मुताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्‍तान (MQM-P) ने हुकूमत का साथ छोड़ने की धमकी दी है. MQM-P ने कराची और हैदराबाद में स्थानीय निकाय चुनावों के मुद्दे पर साथ छोड़ने की धमकी दी है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक इमरान खान ने मीडिया से बातचीत के दौरान और शनिवार को पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, "शहबाज शरीफ ने पंजाब में हमारी परीक्षा ली और अब यह साबित करने की उनकी बारी है कि नेशनल असेंबली में उनके पास बहुमत है या नहीं."

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष ने मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान के रूप में संघीय गठबंधन में मतभेदों का हवाला देते हुए कहा, "पहले शहबाज़ का विश्वास मत के लिए परीक्षण किया जाएगा और बाद में हमारे पास उनके लिए अन्य योजनाएं हैं." 

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बता दें कि पाकिस्तानी राष्ट्रपति अल्वी खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से ताल्लुक रखते हैं और संघीय गठबंधन बहुत कम बहुमत पर टिका हुआ है. एमक्यूएम-पी के नेशनल असेंबली में सात सदस्य हैं, अगर वह साथ छोड़ने का फैसला करते हैं तो शहबाज सरकार के गिरने के आसार बन जाएंगे. इमरान खान पहले ही कह चुके हैं कि वह पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा दोनों विधानसभाओं से इस्तीफा देंगे, ताकि संघीय सरकार को मध्यावधि चुनाव की घोषणा करने के लिए मजबूर किया जा सके. खान का कहना है कि दोबारा चुनाव ही देश को आर्थिक संकट से बाहर निकाल सकते हैं. वहीं शहबाज सरकार का कहना है कि आम चुनाव अगस्त में सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद ही होंगे.

पंजाब विधानसभा हो चुकी है भंग

इस बीच, पंजाब प्रांत के राज्यपाल बलीघुर रहमान द्वारा प्रांतीय विधानमंडल को भंग करने के लिए मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही द्वारा भेजे गए सारांश पर इंटरव्यू हस्ताक्षर करने से इनकार करने के बाद पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा शनिवार को स्वत: भंग हो गई है. इमरान खान की पार्टी और पीएमएल-क्यू के संयुक्त उम्मीदवार इलाही ने विश्वास मत प्राप्त करने में कामयाब होने के घंटों बाद पंजाब विधानसभा के विघटन के सारांश पर हस्ताक्षर किए. इमरान खान ने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा भी कुछ दिनों में भंग कर दी जाएगी. 

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पंजाब में चुनाव कराने की तैयारी में नेता

इमरान खान को पिछले साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. इस बीच, पीएमएल-एन के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ ने लंदन से एक वीडियो लिंक के माध्यम से शनिवार शाम को लाहौर में पार्टी की एक बैठक की अध्यक्षता की, जहां वह नवंबर 2019 से स्व-निर्वासन में रह रहे हैं. पीएमएलएन के प्रवक्ता और संघीय सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा, "नवाज शरीफ ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पंजाब में चुनाव की तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया है. उन्होंने पीएम शहबाज शरीफ से टिकट देने के लिए संसदीय बोर्ड गठित करने को भी कहा."

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