पाकिस्तान में अगर अखबारों और पत्रिकाओं में छपे इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान की आयतों या पवित्र स्थानों का अपमान किया तो लोगों को कठोर सजा भुगतनी होगी. पाकिस्तान की सरकार ने एक पत्र में आदेश दिया है कि कुरान की पवित्रता का सख्ती से पालन किया जाए. पत्र में चेतावनी दी गई है कि अगर कुरान की प्रति या उसके किसी आयत का जानबूझकर अपमान किया गया तो आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी.
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बुधवार को प्रकाशकों को लिखे एक पत्र में कहा कि अखबारों में प्रकाशित होने के बाद पवित्र कुरान की आयतों और अनुवादों के साथ बिना सम्मान के व्यवहार किया जा रहा है, जो बेहद खेदजनक है. पत्र में कहा गया कि कुरान को अपवित्र करने से जुड़े अपराध पवित्र कुरान की मौजूदा कानूनों का उल्लंघन है.
पाकिस्तान पेनल कोड की धारा 295बी के चैप्टर 15 का हवाला देते हुए पत्र में कहा गया है, 'जो कोई भी जानबूझकर पवित्र कुरान की प्रति या उसके अंश को नुकसान पहुंचाता है या उसका अपमान करता है या किसी अपमानजनक तरीके से अथवा किसी गैरकानूनी उद्देश्य के लिए इसका उपयोग करता है, उसे आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी.'
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय ने पवित्र कुरान, पवित्र नामों और प्रकाशनों में पवित्र स्थानों की तस्वीरों की पवित्रता के संरक्षण के संबंध में दिशानिर्देश जारी करने के लिए इस्लामी विचारधारा परिषद (Council of Islamic Ideology) से अनुरोध भी किया है.
जवाब में, सरकार और संसद को इस्लामी मुद्दों पर कानूनी सलाह देने वाली संवैधानिक निकाय परिषद, इस्लामी विचारधारा परिषद ने तर्क दिया कि विज्ञापनों में कुरान की आयतों और पवित्र नामों को छापने में कोई नुकसान नहीं है क्योंकि इसका मकसद जनता तक जानकारी पहुंचाना है.
परिषद ने सरकार से आग्रह किया है कि अखबारों और विज्ञापनों में प्रकाशित पवित्र नामों और कुरान के प्रति लोगों की श्रद्धा सुनिश्चित करने के लिए जनता को जागरूक करने के लिए कदम उठाए.
इस संबंध में, प्रेस सूचना विभाग (PID) ने सभी मीडिया प्रतिनिधि निकायों को मामले की जानकारी देने के लिए ऑल पाकिस्तान न्यूजपेपर्स सोसाइटी (APNS), पाकिस्तानी न्यूजपेपर एडिटर्स काउंसिल (CPNE) और पाकिस्तान ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन के साथ भी बैठकें कीं.
परिषद के दिशानिर्देशों को देखते हुए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सभी पब्लिशर्स को निर्देश दिया है कि वे समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में पवित्र ग्रंथों और पवित्र सामग्री का उचित संरक्षण और सम्मान सुनिश्चित करें.