अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आव्रजन कानूनों में बड़े बदलाव की घोषणा की है. अब अमेरिका में रह रहे 50 लाख अवैध आप्रवासी निष्कासन की कार्रवाई से बच सकते हैं. ओबामा ने जिन बदलावों की बात की है, उनमें एच-1बी वीजा भी शामिल है. अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स कार्यरत हैं, जो इस वीजा का इस्तेमाल करते हैं. इमिग्रेशन नीति में सुधार का ऐलान
15 मिनट के राष्ट्र के नाम संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा,'हम भी कभी अजनबी थे. हमारे पूर्वज भी यहां अजनबी थे. फिर चाहे वे अटलांटिक पार करके आए हों या प्रशांत महासागर. इस देश्ा ने सभी का स्वागत किया और यह सिखाया कि हम कैसे दिखते हैं या हमारा सरनेम क्या है या हम किसकी पूजा करते हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता. दरअसल अमेरिकी होने का मतलब इससे अलग है, इससे बढ़कर है.
अमेरिका में करीब 1.1 करोड़ अवैध आप्रवासी हैं, जिन पर निष्कासन की तलवार लटक रही है. इनमें सबसे ज्यादा संख्या मैक्सिको के लोगों की है.
अमेरिका में अवैध रूप से रहने वालों में भारतीयों की भी बड़ी संख्या हैं. ओबामा ने कहा,'आव्रजन कानूनों में बदलाव किसी तरह की आम माफी नहीं है. मैं जो कर रहा हूं वह जवाबदेही है. ऐसा प्रयास है जो समझदारी से समस्या का हल निकालने के लिए किया गया है. अगर आप तय शर्त पूरी करते हैं तो निष्कासन की काली परछाई से बाहर आ सकते हैं.'
ओबामा की इस कोशिश से दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगों को करारा झटका लगा है. खासतौर से विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी बाहरी लोगों का कड़ा विरोध करती रही है. देखना रोचक होगा कि ओबामा इस घोषणा को अमली जामा पहना पाते हैं या नहीं. ओबामा आव्रजन कानून में बदलाव संबंधी घोषणा कांग्रेस से बिना विचार-विमर्श किए की है. ऐसे में उनकी राह आसान नहीं होगी, क्योंकि सीनेट और प्रतिनिधि सभा दोनों में ओबामा की डेमोक्रेटिक पार्टी बहुमत खो चुकी है.
गौरतलब है कि अमेरिका में वर्ष 2000 के बाद एच-1बी वीजा पाने वालों में करीब आधे भारतीय हैं, जो तकनीक से जुड़े क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं. 2000 से 2009 के बीच जितने लोगों को एच-1बी वीजा प्रदान किया गया, उनमें करीब 46 फीसदी भारतीय थे. ताजा घोषणा में ओबामा ने वादा किया है कि एच-1बी वालों के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान जाकर नौकरी बदलना. ग्रीन कार्ड प्राप्त करना आसान किया जाएगा. यह सुविधा सिर्फ वीजा धारक ही नहीं बल्कि उसके पति या पत्नी को भी मिलेगी. गौरतलब है कि मौजूदा व्यवस्था में ग्रीन प्राप्त करना एवरेस्ट फतह करने जैसा है.
प्यू रिसर्च सेंटर की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में करीब साढ़े चार लाख भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा भारतीय अवैध आप्रवासियों की संख्या न्यू हैंपशायर में है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका के 50 राज्यों में से करीब 28 में भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं.