विश्व आर्थिक मंच (WEF) सम्मेलन की 50वीं बैठक सोमवार से शुरू हो रही है. यह बैठक 20 जनवरी से 24 जनवरी तक चलेगी. इस बैठक में विश्व के कई बड़े चेहरे एक मंच पर नजर आने वाले हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, अफगानिस्तान के अशरफ गनी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस वार्षिक बैठक में हिस्सा लेंगे.
स्विट्जरलैंड के दावोस में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल करेंगे. उनके अलावा राज्यमंत्री मनसुख लाल मंडाविया, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, पंजाब के वित्त मंत्री और तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री भी हिस्सा लेंगे.
मंत्रियों के अलावा कुछ प्रमुख उद्योगपति, फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और सद्गुरू के भी इस बैठक में भाग लेने की बात कही गई है.
स्विटजरलैंड के रिजॉर्ट शहर दावोस में WEF सम्मेलन में दुनियाभर से 3,000 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.
ट्रंप और थनबर्ग फिर होंगे आमने सामने
इस बार के सम्मेलन में मुख्य मुद्दा पर्यावरण का होगा. इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ-साथ पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग भी मंच पर पहुंचेंगी. बता दें कि सितम्बर 2019 में स्वीडन की 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने संयुक्त राष्ट्र के उच्चस्तरीय जलवायु सम्मेलन को संबोधित किया था.
ग्रेटा ने अपने भाषण में कहा था, "आपने हमारे सपने, हमारा बचपन अपने खोखले शब्दों से छीना. हालांकि, मैं अभी भी भाग्यशाली हूं. लेकिन लोग झेल रहे हैं, मर रहे हैं, पूरा ईको सिस्टम बर्बाद हो रहा है."
ग्रेटा थनबर्ग के इस भाषण की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही थी. जिसके बाद टाइम मैग्जीन ने ग्रेटा थनबर्ग को 'पर्सन ऑफ द ईयर' चुना. हालांकि ग्रेटा की इस उपल्बिध के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप खफा हो गए थे . उन्होंने ग्रेटा को गुस्सैल बताते हुए एंगर मैनेजमेंट करने की सलाह दी थी. जिसके बाद दोनों के बीच काफी नोक-झोंक भी हुई.
ऐसे में एक बार फिर से दोनों के एक मंच पर आने को लेकर पूरी दुनिया में उत्सुकता है.
किन मुद्दों पर होगी चर्चा
जिनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय संगठन WEF ने कहा कि दुनिया के सामने कई बड़ी चुनौतियां है. जैसे- आय में असमानता, जलवायु परिवर्तन का संकट और राजनीतिक ध्रुवीकरण की वजह से पैदा हुए सामाजिक भेद. इन सभी मुद्दों पर वैश्विक चिंता रखी जाएगी और इसके समाधान पर चर्चा होगी.
इसके अलावा मौजूदा समय के महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे- उचित कराधान, भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती, कार्यकारियों के वेतन और मानवाधिकार सम्मान आदि को भी रखा जाएगा. वहीं दावोस घोषणापत्र 2020 में हिस्सेदारी पूंजीवाद पर अपना नजरिया पेश किया जाएगा.
WEF के संस्थापक एवं कार्यकारी चेयरमैन क्लाउस श्वाब ने कहा कि कंपनियों ने अब साझेदारी वाले पूंजीवाद को पूरी तरह स्वीकार कर लिया है. इसका मतलब सिर्फ मुनाफे को अधिकतम करना नहीं बल्कि सरकार और समाज के साथ उनकी क्षमता और संसाधनों का इस्तेमाल कर इस दशक के महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करना भी है. 'वे सक्रिय रूप से जुड़ी और टिकाऊ या सतत दुनिया में सक्रिय योगदान दे रहे हैं.'
भारतीय प्रतिनिधित्व क्या करेगी
WEF की सालाना बैठक में भारत की तरफ से 100 कंपनियों के CEO (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) के पहुंचने की उम्मीद की जा रही है. ये सभी 'सतत और मिलकर चलने वाली दुनिया' पर विचार विमर्श करेंगे.
वहीं फिल्म अभिनेत्री दीपिका मानसिक स्वास्थ्य पर अपना विचार रखेंगी. जबकि सद्गुरु वार्षिक शिखर बैठक में सुबह के समय चिंतन सत्रों का आयोजन करेंगे.