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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच सैन्य खर्च का टूटा रिकॉर्ड, लिस्ट में भारत भी पीछे नहीं

दुनिया के बड़े देश अपनी सेना पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं. पांच बड़े देशों में भारत का भी नाम है. इसके अलावा रूस और अमेरिका भी शामिल हैं.

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रूस ने सैन्य बजट बढ़ाया
रूस ने सैन्य बजट बढ़ाया
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमेरिका का ध्यान सैन्य रिसर्च और विकास पर
  • सैन्य खर्च के मामले में भारत तीसरे स्थान पर

रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को दो महीने से ज्यादा हो गए हैं. यूक्रेन से बर्बादी और तबाही की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वो पूरी दुनिया को भावुक कर रही हैं. हर कोई चाहता है कि युद्ध विराम हो जाए लेकिन अब तक दोनों देशों के बीच बातचीत किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई है. इस दौरान एक ऐसा डाटा सामने आया है, जिससे ये पता चलता है कि दुनिया के कई देश अपने सैन्य खर्च को लगातार बढ़ा रहे हैं.

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स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) द्वारा प्रकाशित वैश्विक सैन्य खर्च के नए आंकड़ों के अनुसार, 2021 में पांच सबसे बड़े खर्च करने वाले देशों में अमेरिका, चीन, भारत, ब्रिटेन और रूस थे. भारत 76.6 अरब डॉलर का सैन्य खर्च कर दुनिया में तीसरे स्थान पर है. इसमें 2020 की तुलना में 0.9 प्रतिशत और 2012 की तुलना में 33 प्रतिशत वृद्धि रही. 

कोरोना महामारी के दूसरे साल सैन्य खर्च रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. डाटा के अनुसार, यह 2.1 ट्रिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर आ गया. यह लगातार सातवां वर्ष था जब खर्च में वृद्धि हुई.

अमेरिका का ध्यान सैन्य रिसर्च और विकास पर
वर्ष 2021 में अमेरिकी सैन्य खर्च की राशि 801 अरब डॉलर थी. 2020 की तुलना में इसमें 1.4 प्रतिशत की गिरावट है. अमेरिकी सैन्य बोझ 2020 में जीडीपी के 3.7 प्रतिशत से थोड़ा कम होकर 2021 में 3.5 प्रतिशत हो गया.

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रूस ने सैन्य बजट बढ़ाया
रूस ने 2021 में अपने सैन्य खर्च को 2.9 प्रतिशत बढ़ाकर 65.9 अरब डॉलर कर दिया. इस दौरान रूस यूक्रेनी सीमा पर अपनी सेना को बढ़ा रहा था. रूस द्वारा सैन्य खर्च में यह लगातार तीसरे साल वृद्धि रही.

जंग में रोज का कितना नुकसान?
युद्ध के पहले पांच दिनों में रूस को 7 बिलियन डॉलर की मार पड़ी. ये डाटा सेंटर फॉर इकोनॉमिक रिकवरी की नई स्टडी के मुताबिक है. युद्ध में जिस तरह जानमाल का नुकसान हो रहा है केवल उसी से आने वाले समय में रूसी जीडीपी पर 2.7 बिलियन डॉलर का बोझ बढ़ेगा. रूस को सैन्य साजोसामान, खाद्यान्न, मिसाइलें, गोला-बारूद, ईंधन, रॉकेट लॉन्चर आदि सब कुछ मुहैया कराना होगा. शोधकर्ताओं के मुताबिक, रूस को इस युद्ध में हर दिन की कीमत 20 बिलियन डॉलर से अधिक की चुकानी होगी.

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