वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि विश्व की विभिन्न सरकारों ने हस्तक्षेप नहीं किया तो आने वाले तीन दशकों में फसल बर्बादी, सूखा और समुद्र जलस्तर के बढ़ने से विस्थापित होने वालों की संख्या में बड़ा बदलाव आएगा.
रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक जलवायु में परिवर्तन के चलते विस्थापित करने वालों की संख्या उप-सहारा अफ्रीका क्षेत्र में 8.6 करोड़ होगी. दक्षिण एशिया में यह संख्या 1.7 करोड़ और लैटिन अमेरिकी देशों में 14.3 करोड़ होगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन क्षेत्रों में दुनिया की आधी से ज्यादा विकासशील आबादी रहती है.
बांग्लादेश में सबसे ज्यादा विस्थापन
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, इस रिपोर्ट के लेखकों ने तीन उदाहरणों का जिक्र किया है. इसमें कहा गया है कि 2050 तक जलवायु परिवर्तन के चलते सबसे बड़ा विस्थापित होने वाला समूह बांग्लादेश का होगा. बांग्लादेश में विस्थापन का बढ़ना भारत के लिए भी चिंता की बात होगी, क्योंकि इसका सबसे ज्यादा दबाव भारत पर ही होता है. वहां से बड़े पैमाने पर लोग भारत आते हैं.
वहीं, मेक्सिको में लोगों का जलवायु परिवर्तन प्रभावित इलाकों से शहरी क्षेत्र की ओर प्रवास बढ़ेगा. इसके अलावा इथियोपिया में 2050 तक आबादी दोगुनी होने की संभावना है, लेकिन फसल के नुकसान से वहां पलायन बढ़ेगा.
वर्ल्ड बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टालिना जार्जिएवा ने इस रिपोर्ट को पेश करते वक्त कहा कि जलवायु परिवर्तन निर्दयी तौर पर 'प्रवास का इंजन' बन गया है जो लोगों, परिवारों और पूरे के पूरे समुदायों को बेहतर आवास की खोज में अपने मूल आवास को छोड़ने पर मजबूर कर रहा है.