उत्तर कोरिया और सीरिया के मौजूदा हालात को लेकर बुधवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर चर्चा की. चीन के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी. चीनी राष्ट्रपति से बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर दोहराया कि चीन अपने बेलगाम पड़ोसी उत्तर कोरिया पर लगाम लगाए. उत्तर कोरिया अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध के बावजूद लगातार मिसाइल और परमाणु हथियार बनाने में लगा हुआ है.
उत्तर कोरिया के इसी कदम के चलते अमेरिका ने कोरियाई प्रायद्वीप में अपना जंगी बेड़ा भेजा है, जिसके बाद से क्षेत्र में हालात बेहद बिगड़ गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तर कोरिया को सबक सिखाने की मंशा पहले ही जाहिर कर चुके हैं. इसके अलावा ट्रंप ने शी जिनपिंग से कहा है कि अगर चीन उत्तर कोरिया के मसले को निपटाने में मदद करता है, तो अमेरिका के साथ उसके रिश्ते बेहतर होंगे.
North Korea is looking for trouble. If China decides to help, that would be great. If not, we will solve the problem without them! U.S.A.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 11, 2017
I explained to the President of China that a trade deal with the U.S. will be far better for them if they solve the North Korean problem!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 11, 2017
सीरिया समझने की भूल न करे US: उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका उसे सीरिया समझने की भूल न करे. उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने कहा कि अगर अमेरिका ने
उसे उकसाया, तो उनका देश परमाणु हमला कर सकता है. वहीं, दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति ह्वांग क्यो आन ने सेना से चौकस रहने और अमेरिकी फौज के
साथ सहयोग बढ़ाने को कहा है. उन्होंने आशंका जताई कि उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण के अलावा कोई भी भड़काऊ कार्रवाई कर सकता है.
चीन ने कसी कमर
उत्तर कोरिया पर अमेरिकी हमले से उपजने वाले भावी हालात से निपटने के लिए चीन ने भी कमर कस ली है. चीन ने उत्तर कोरिया सीमा पर करीब डेढ़ लाख सैनिकों
को तैनात कर दिया है. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी फोर्स की मेडिकल और बैकअप यूनिटों को चीन-उत्तर कोरिया सीमा पर स्थित यालू नदी के किनारे तैनात किया गया
है.