यमन के मारिब शहर में हाहाकार मचा हुआ है. सैन्य शिविर में स्थित मस्जिद में हुए हमले में अबतक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मस्जिद के मलबे में चिथड़े उड़े शरीर के टुकड़े पड़े हैं. मस्जिद की दीवारें पर खून के छीटों से जगह-जगह लाल पड़ गई है. फर्श पर बिछी कालीनें भी खून से सनी हुई है.
शाम की नमाज और मिसाइल की बौछार
शनिवार को राजधानी सना के पूर्वी छोर में करीब 170 किलोमीटर दूरी पर स्थित मारिब शहर में शाम को एक सैन्य शिविर में लोग नमाज पढ़ रहे थे. तभी मस्जिद पर मिसाइलों की बौछार होने लगी. ड्रोन बम बरसाने लगे और देखते ही देखते वहां कोहराम मच गया. नमाज पढ़ने वालों में सैनिक और स्थानीय नागरिक दोनों ही थे. अचानक हुए हमले से लोगों को कुछ समझ नहीं आया.
बदला बर्बर होगा
जबतक हमला खत्म हुआ, मारिब की ये मस्जिद बर्बाद हो चुकी थी. यमन के विदेश मंत्री ने हूती विद्रोदियों पर हमले का इल्जाम मढ़ते हुए कहा ट्विटर पर कहा कि यमन इस आतंकी हमले की सख्त निंदा करता है, हूती विद्रोहियों के इस हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और दर्जनों घायल हुए हैं."
यमन आर्मी के प्रवक्ता ने कहा कि हूती विद्रोहियों इस हमले के जवाब में बर्बर कार्रवाई का सामना करने को तैयार रहे.
अबतक का सबसे बड़ा हमला
विशेषज्ञों का कहना है कि 2014 में यमन में शुरु हुए गृह युद्ध के बाद ये अबतक के सबसे बड़े हमलों में से एक है. अल हदीथ टीवी ने हमले के बाद की तस्वीरें जारी की है. इन तस्वीरों में नमाजियों के शरीर के टुकड़े देखे जा सकते हैं, खून से सने कारपेट और दीवारों के दृश्य डराने वाले हैं.
मारिब शहर पर ये हमला तब हुआ है जब सरकारी फौजों ने निहम क्षेत्र में हूती विद्रोहियों के खिलाफ एक दिन पहले ही बड़ा ऑपरेशन शुरू किया था. निहम में इस वक्त भी सेना की कार्रवाई जारी है. एक सैन्य सूत्र के मुताबिक दर्जनों हूती विद्रोही हमले में मारे गए हैं.
6 साल से गृह युद्ध की चपेट में यमन
बता दें कि गृह युद्ध की आग में जल रहे यमन में पिछले 6 सालों में हजारों लोग मारे गए हैं. यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों और सऊदी अरब के समर्थन से चल रही राष्ट्रीय सरकार के बीच खूनी लड़ाई चल रही है.