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मेरी बेटी से शादी करनी है, तो दहेज में 10 लाख फेसबुक लाइक दो

हमने फिल्मों में देखा है. असल जिंदगी में देखा है. लड़की और लड़का, दोनों में बेपनाह प्यार. मगर रास्ते में लड़की के पिता की दीवार. फिर वह पिता रखता है कोई ऐसी शर्त कि जिसे पूरा करने में पसीना छूट जाते हैं. मगर अब हम आपको जो सच्चा किस्सा बताने जा रहे हैं, उसे सुनकर आपकी हंसी छूट जाएगी. मगर हंसी के पार देखें तो ये वाकया साइबर दुनिया में मशहूर होने की उस अंधी ललक का नजारा भी पेश करता है, जिससे हम हर पल दो चार होते हैं.हालांकि एक दावा इसके उलट भी है. सबकी पड़ताल करेंगे. पहले जान लें वाकया क्या है.

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सालेम अयाश
सालेम अयाश

हमने फिल्मों में देखा है. असल जिंदगी में देखा है. लड़की और लड़का, दोनों में बेपनाह प्यार. मगर रास्ते में लड़की के पिता की दीवार. फिर वह पिता रखता है कोई ऐसी शर्त कि जिसे पूरा करने में पसीना छूट जाते हैं. मगर अब हम आपको जो सच्चा किस्सा बताने जा रहे हैं, उसे सुनकर आपकी हंसी छूट जाएगी. मगर हंसी के पार देखें तो ये वाकया साइबर दुनिया में मशहूर होने की उस अंधी ललक का नजारा भी पेश करता है, जिससे हम हर पल दो चार होते हैं.हालांकि एक दावा इसके उलट भी है. सबकी पड़ताल करेंगे. पहले जान लें वाकया क्या है.

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किस्सा ये है कि यमन में एक पिता ने अपनी बेटी की शादी के लिए उसके प्रेमी के सामने अजब शर्त रखी. उसने कहा कि दहेज में मुझे 10 लाख फेसबुक लाइक चाहिए. ये पिता जी एक कवि हैं. यमन के तएज शहर में रहते हैं. इनका नाम सालेम अयाश है और यह चाहते हैं कि मुल्क में उनके बेशुमार मुरीद हों. मगर दिक्कत ये है कि पूरे यमन की आबादी 2.4 करोड़ ही है. और इसमें भी इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले तो काफी कम हैं.

इस खबर के यमन और दूसरे मुल्कों में बहुत चर्चे हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर सक्रिय युवा और ब्लॉगर्स इसके बारे में लिख रहे हैं और लोगों से इस कवि पिता के पेज को लाइक करने की अपील कर रहे हैं. इस मुहिम के बाद अब तक अयाश को लगभग 35 हजार लाइक मिल चुके हैं. मगर वेब पर हर कोई उनका सपोर्ट नहीं कर रहा. कुछ लोग इस कवि की आलोचना भी कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने शादी जैसे पवित्र बंधन को अपनी फेसबुक पॉपुलैरिटी बढ़ाने का जरिया बना लिया.

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मगर ये है कहानी को देखने का दूसरा एंगल
अयाश का कहना है कि मेरा ये स्टंट यमन की बुरी सामाजिक स्थिति की तरफ दुनिया का ध्यान खींचने का एक जरिया है. अयाश के मुताबिक देश में दो साल से लगातार सत्ता विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं. लोगों की आय खत्म हो गई है. ऐसे में कोई अपनी शादी के लिए दहेज कैसे दे सकता है. तो दहेज में सोने के जेवर और रुपये मांगने से तो अच्छा है न कि फेसबुक लाइक्स मांगे जाएं. इसी बहाने बाहर के लोगों को यमन के हालात के बारे में पता भी तो चल रहा है.

अयाश ने इस दहेज की कोई डेडलाइन नहीं रखी है. वह कुछ छूट देने को भी तैयार हैं. उनका कहना है कि मैं देखना चाहता हूं कि मेरी बेटी से प्यार करने वाला वह लड़का, जिसका नाम ओसामा है, शादी के लिए किस हद तक मेहनत कर सकता है.

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