अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में हुई तीखी बहस के बाद यूक्रेन में ज़ेलेंस्की के समर्थन में जबरदस्त माहौल बन गया है. शुक्रवार को व्हाइट हाउस में हुए इस अप्रत्याशित टकराव के बाद यूक्रेनी जनता ने अपने राष्ट्रपति को देश के हितों का मजबूती से बचाव करने वाला सच्चा नेता बताया.
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन में ज्यादातर लोग इस बहस से ज्यादा परेशान नहीं दिखे. लोगों का मानना है कि ज़ेलेंस्की ने दुनिया की सबसे ताकतवर सत्ता के सामने डटकर अपने देश का पक्ष रखा और राष्ट्रीय सम्मान की रक्षा की. कीव की 67 वर्षीय रिटायर्ड महिला नतालिया सेरहीएनको ने कहा कि ज़ेलेंस्की शेर की तरह लड़े. ये अहम मुलाकात थी, लेकिन ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन के हितों की पूरी मजबूती से रक्षा की.
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कीव निवासी 37 वर्षीय आर्तेम वासिलिव ने कहा कि अमेरिका ने ज़ेलेंस्की के साथ जो व्यवहार किया, वह पूरी तरह से असम्मानजनक था. यूक्रेन ने रूस के खिलाफ सबसे पहले खड़े होकर लोकतंत्र की रक्षा की, और हमें ये मिला?
वासिलिव, जो रूसी कब्जे वाले लुहान्स्क के मूल निवासी हैं, उन्होंने कहा कि ट्रंप ये समझने में नाकाम रहे कि यहां लोग मर रहे हैं, शहर तबाह हो रहे हैं, और मां-बच्चे, सैनिक तक सब पीड़ित हैं. ट्रंप तो बस एक बिजनेसमैन हैं, उनके लिए पैसा ही सब कुछ है.
यूक्रेन के दक्षिणी खेरसॉन क्षेत्र के प्रमुख ओलेक्ज़ेंडर प्रोकुडिन ने कहा कि तीन साल के युद्ध ने हमें मजबूत बनाया है, राष्ट्रपति को भी. यही दृढ़ता हमें आगे बढ़ा रही है और मुझे पूरा भरोसा है कि हम इस चुनौती का भी सामना करेंगे.
फ्रंटलाइन से भी समर्थन
शुक्रवार रात रूस ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर ड्रोन हमले किए, उसी दौरान क्षेत्रीय प्रमुख ओलेह सिनेहुबोव ने ज़ेलेंस्की के रुख की सराहना की. उन्होंने कहा कि हमारा नेता दबाव के बावजूद यूक्रेन की सुरक्षा और भविष्य की गारंटी के बिना शांति समझौते से इनकार कर रहा है. हमें सिर्फ न्यायपूर्ण शांति चाहिए.
बिना समझौते व्हाइट हाउस से लौटे ज़ेलेंस्की
इस बैठक का मकसद यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए एक संयुक्त निवेश फंड पर समझौता करना था, जो युद्ध समाप्ति और देश अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करता. लेकिन ट्रंप के निर्देश पर ज़ेलेंस्की और उनकी टीम को बिना किसी समझौते के लौटना पड़ा. इसके चलते अमेरिका से सुरक्षा मदद की यूक्रेन की उम्मीदों को झटका लगा है. हालांकि, ज़ेलेंस्की का घरेलू समर्थन मजबूत बना हुआ है.
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तीखी बहस से टूटी उम्मीदें
यूक्रेन को उम्मीद थी कि इस बैठक के बाद अमेरिका उसके लिए एक भरोसेमंद साझेदार बनेगा, जो रूस के हमले को रोकने और युद्ध समाप्त करने में मदद करेगा, लेकिन बैठक के आखिरी पलों में ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच हुए जोरदार बहस ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया. ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ज़ेलेंस्की पर अमेरिकी मदद के लिए एक बार भी Thank you न कहने का आरोप लगाया. इस घटना को रूस ने दोनों देशों के संबंधों में खटास के रूप में देखा और इसे अपनी कूटनीतिक जीत बताया.
कीव के मेयर ने जताई चिंता
हालांकि, सभी राजनीतिक नेता ज़ेलेंस्की के तेवर से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं. कीव के मेयर विताली क्लिचको ने कहा कि हमें उम्मीद है कि यूक्रेन अमेरिका का समर्थन नहीं खोएगा, जो हमारे लिए बेहद अहम है, अभी भावनाओं में बहने का वक्त नहीं है, हमें आपसी समझ बनानी होगी.
अमेरिका फर्स्ट बनाम यूक्रेन के हित
ट्रंप प्रशासन ने इस विवाद को अपनी 'अमेरिका फर्स्ट' नीति का हिस्सा बताया और ज़ेलेंस्की की कृतज्ञता की कमी पर सवाल उठाया, लेकिन यूक्रेनी जनता और नेताओं ने इसे ज़ेलेंस्की का अपने देश के हितों के लिए मजबूती से खड़े रहने वाला कदम बताया.