कुदरत जितनी ख़ूबसूरत है, उसका ग़ुस्सा उतना ही ख़तरनाक. ऐसा नहीं होता तो हवाई जहाज़, पानी में नहीं तैरता. इंसान को आसरा देने वाले मकान. ख़ुद बेआसरा नहीं हो जाते. ऑस्ट्रेलिया में बाढ़ से जो आफ़त टूटी है, उसकी सूरत बेहद डरावनी है.