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Afghanistan Crisis: Taliban से जंग को तैयार Panjshir, देखें क्या बोले Ahmad Massoud

Afghanistan Crisis: Taliban से जंग को तैयार Panjshir, देखें क्या बोले Ahmad Massoud

पंजशीर से सिर्फ तालिबान को ही खाली हाथ नहीं लौटना पड़ा. सोवियत संघ जब अफगानिस्तान आया था तो उसने भी पंजशीर पर कब्जा करने के लिए 9 बार हमला किया लेकिन उसे नाकामी हासिल हुई. लेकिन सवाल ये है कि अमेरिकी हथियारों से लैस तालिबान को क्या पंजशीर रोकने की ताकत रखता है? साल 1979 में सोवियत सेना काबुल में दाखिल हुई और सारे अफगानिस्तान ने घुटने टेक दिए सिवाए पंजशीर के. यहां सोवियत संघ ने 1980-85 के बीच 9 बार हमला किया, लेकिन जीत तो दूर सोवियत सेना को हर बार पहले से भी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा. अहमद शाह मसूद के नेतृत्व में सोवियत संघ की सेना को पंजशीर के लोगों ने हराया और उन्हें शेर-ए-पंजशीर की उपाधि दी. अहमद शाह मसूद के बाद अब उनका बेटा अहमद मसूद पिता के नक्शे कदम पर चलने हुए तालिबान को चुनौती दे रहा है. ज्यादा जानकारी के लिए देखें वीडियो.

While all provinces in Afghanistan are now under Taliban rule, the northern Panjshir province has managed to resist the Taliban. Panjshir had resisted Taliban rule even in 2001, prior to the US invasion of Afghanistan. Watch the video for more information.

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