मौत पर जश्न वो भी एक दिन नहीं तीन दिन तक. दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके लिए मौत मातम नहीं बल्कि जश्न का सबब है. पाकिस्तान में एक ऐसी ही जनजाति है जो आज भी मौत पर आंसू नहीं बहाती, बल्कि नाचती है गाती है और दावतें उड़ाती है.