डेनमार्क के वैज्ञानिकों का दावा है कि पिछले 20 साल में ग्रीनलैंड से इतनी बर्फ पिघली है, जिससे पूरा अमेरिका करीब पौने दो फीट पानी में डूब जाए. आर्कटिक में जलवायु बहुत तेजी से गर्म हो रहा है. यहां धरती पर किसी भी स्थान पर बदल रहे जलवायु की तुलना में ज्यादा परिवर्तन हो रहा है. NASA के मुताबिक ग्रीनलैंड की तेजी से पिघलती बर्फ की वजह से धरती के सागरों-समुद्रों का जलस्तर ऊपर उठ रहा है. ग्रीनलैंड की बर्फ (Greenland Ice Cap) की गणना का काम साल 2002 में शुरु हुआ था. डैनिश आर्कटिक रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ काम करने वाले पोलर पोर्टल ने बताया कि ग्रीनलैंड ने साल 2002 से अब तक 4700 बिलियन टन बर्फ खो दिया है. ये वजन इतना ज्यादा है कि इसे किलोग्राम में बदलना भी बहुत मुश्किल है.