अमेरिका चाहे जो कहे लेकिन जानकार बाइडेन के कीव आने को उनकी मजबूरी ही बताते हैं. इसकी वजह यूरोप और नाटो में युद्ध को लेकर बढ़ते मदभेद हैं. यूक्रेन जंग की कीमत यूरोप चुका रहा है. महंगाई और मंदी से यूरोप परेशान और अगर ये युद्ध आगे यूं ही चलता रहा तो फिर अभी तक यूक्रेन को हर संभव मदद का भरोसा देने वाले फ्रांस और जर्मनी जैसे अमेरिकी सहयोगी भी अलग राह पकड़ सकते हैं.
Whatever America may say, but experts tell Biden's compulsion to come to Kiev. The reason for this is the growing differences between Europe and NATO regarding the war. Watch this video to know more.