परमाणु करार पर अमेरिकी सीनेट समिति से मंजूरी मिलने के बाद अब यह करार अमेरिकी कांग्रेस में पेश होगा. अगर वहां यह पारित हो जाता है तो दोनों देशों के बीच हुए समझौते को लागू होने के बीच की सारी बाधाएं समाप्त हो जाएंगी. मनमोहन भी चाहते हैं एटमी डील को सील करना.