इमरान खान के भाषण में दो ही मुद्दा था-एक कश्मीर और दूसरा तालिबान. कश्मीर पर उन्होंने दुष्प्रचार का थामन थामा तो तालिबान को मान्यता देने की वो मिन्नतें करते दिखे. पाकिस्तान की बड़ी इच्छा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान के अतीत और गुनाहों को भूल जाए और उसकी महिला विरोधी और शरीयत को शीश झुकाने वाली सरकार को फौरन मान्यता दे दे. संयुक्त राष्ट्र संघ में इमरान खान ने जिन शब्दों में तालिबान की तरफदारी की उसे सुनकर तो शायद तालिबान भी शरमा जाए. मतलब साफ है कि पाकिस्तान को महिलाओं पर हंटर बरसाने वाला तालिबान पसंद है. इमरान खान ने तालिबान राज को स्थापित करने का बेड़ा थाम लिया है. तालिबान के लिए दुनिया के सामने अपनी झोली फैला दी है. देखें ये वीडियो.
There were only two issues in Imran Khan's speech Kashmir and Taliban. After revealing his propaganda on Kashmir, Imran started pleading to give recognition to the Taliban. Pakistan wants the international community to forget the past and crimes of the Taliban and give recognition to its anti-women and sharia-bowing government. Watch this video.