हिंदुस्तान की दोस्ती को दगा देने वाला पाकिस्तान अपने अंदरुनी मुश्किलात का बोझ उठा नहीं पा रहा है. चुनाव सिर पर है, लेकिन उससे पहले एक मजहबी नेता ने लाखों के साथ लाहौर से इस्लामाबाद तक एक ऐसा लॉन्ग मार्च कर दिया, जिसने हुक्मरानों की नींद उड़ा दी. लेकिन इस जन सैलाब के पीछे भी पाकिस्तानी आर्मी का हाथ माना जा रहा है. तो सवाल है कि लोकतंत्र में टूटते भरोसे के बीच क्या होगा पाकिस्तान का.