श्रीलंकाई फौज के हाथों मारे गए एलटीटीई सुप्रीमो वी प्रभाकरण एनकाउंटर में नहीं मारा गया था बल्कि श्रीलंकाई फौज ने उसे पकड़ कर पहले टॉर्चर किया था और फिर उसकी जान ले ली थी. यह खुलासा श्रीलंका के ही एक मानवाधिकार संगठन की हालिया रिपोर्ट में हुआ है.