जब महिला रिपोर्टर ने सवाल कि अफगानिस्तान में महिला अधिकारों को लेकर तो सामने आए तालिबानियों के वीडियो में वो सवाल सुनकर हंसने लगे. तो क्या सच्चाई यही है कि धर्म के नाम पर अपनी सरकारी दुकान अफगानिस्तान में खोलने चला तालिबान बदला नहीं है? 1996 में आया तालिबान जो शरीयत कानून का नाम लेकर महिलाओं को कोड़े से पीटता था वो तालिबान अब 2021 में भी काबुल में ब्यूटी पार्लर और दूसरी दुकानों के बाहर लगी महिलाओं की तस्वीरों को काले रंग से ढंकने में लगा है.