युद्ध के 21 दिन पूरे हो गए हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की अलग अलग देशों की संसद में संबोधन दे रहे हैं. और उनकी छवि को तालियों के बूस्टर पर.. बूस्टर लग रहे हैं. पश्चिमी देश ज़ेलेंस्की को इतिहास में महत्वपूर्ण मकाम हासिल करने वाला व्यक्ति बता रहे हैं. लेकिन तालियों की गड़गड़ाहट के बीच, यूक्रेन पूरी तरह उजड़ चुका है. तालियां किसे अच्छी नहीं लगतीं.. इस संकट काल में ज़ेलेंस्की को भी तालियां कुछ देर के लिए तो अच्छी लगती होंगी. लेकिन कड़वा सच यही है कि तालियों और सूखी बधाइयों से किसी राष्ट्र की रक्षा नहीं हो सकती. ज़ेलेंस्की को सामरिक मदद चाहिए थी, लेकिन मिले तो सिर्फ गिनती के हथियार, थोड़ा पैसा और भारी मात्रा में तालियां.
In this crisis, Zelensky would have liked applause for a while. But the bitter truth is that no nation can be saved by applause and dry greetings. Zelensky needed tactical help, but only a number of weapons, a little money, and huge applause.