रूस के यूक्रेन हमले के साथ ही उन कंपनियों की मार्केट वैल्यू में उछाल आ गया है, जो सभी देशों को हथियार बेचती हैं. जर्मनी ने अपने डिफेन्स बजट को दोगुने से भी ज्यादा बढ़ा दिया है. इटली, नीदरलैंड्स और स्पेन भी रक्षा बजट बढ़ा सकते हैं. ये ट्रेंड आगे यूरोप से बाहर भी देखने को मिल सकता है. किसी देश में युद्ध होना दूसरे देशों के लिए हथियार खरीदने के विज्ञापन की तरह हो जाता है. यूक्रेन पर हमला करने के बावजूद रूस पर अमेरिकी या नाटो देश हमला करने से बच रहे हैं तो इसकी सबसे बड़ी वजह रूस का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर होना है. आइए जानते हैं दुनिया के हथियारों के बाजार में किस देश का कितना दखल है.