बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ने से पहले सेना के सामने तीन मांगें रखी थीं, जिन्हें सेना ने खारिज कर दिया. शेख हसीना चाहती थीं कि उनका भाषण रेडियो और टीवी पर प्रसारित हो, नई सरकार में उनकी भूमिका हो और बिना जांच के अपने सामान के साथ दिल्ली जाने की अनुमति मिले.