अफगानिस्तान पैसे-पैसे को मोहताज है, यहां दाने-दाने को तरसने की नौबत आने वाली है. आईएमएफ ने अफगानिस्तान के लिए फंड रिलीज करने से हाथ खड़े कर दिए हैं. विदेशी बैकों में रखी संपत्ति अभी तक फ्रीज है. खुद तालिबानी विदेश मंत्री दुनिया को चीख-चीखकर अपनी कंगाली की कहानी बता रहा है लेकिन तालिबानी नेता सत्ता के बंदरबांट में व्यस्त हैं. अब्दुल गनी बरादर और हक्कानी नेटवर्क के नेता 'छोडेंगे नहीं' वाले अंदाज में एक-दूसरे को खत्म करने में लगे हैं. आर्थिक रूप से खस्ताहाल अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता को आपसी रंजिश का वायरस लग गया है. तालिबानियों को अब आटे-दाल का भाव मालूम हो रहा है. उसने झोली फैला दी है लेकिन मदद मिलती दिख नहीं रही. देखें ये रिपोर्ट.
Afghanistan is in dire need of money, time is near when people will start to die of hunger. The IMF has refused to release funds for Afghanistan. The assets kept in foreign banks are still frozen. The Taliban Foreign Minister has declared the country almost bankrupt in front of the whole world. But the Taliban leaders are busy fighting with each other for power. Watch this report.