तालिबान को बहुत महंगा पड़ रहा है आतंक का कारोबार. पाकिस्तान की अवाम, पाक के कबीले और वहां की फौज तो उसके खिलाफ मोर्चा खोल ही चुकी है, जो लोग तालिबान और बैतुल्लाह के साथ थे, उन्होंने भी अब मुंह मोड़ लिया है.