यूक्रेन की सीमा पर रूस की तरफ से हो रहे बेहिसाब धमाके खबर दे रहे हैं कि जंग की चिंगारी कभी भी भड़क सकती है. दुनिया पर छाए इस नए संकट में एक तरफ रूस है तो दूसरी तरफ अमेरिका. लेकिन सवाल ये है कि जिस रूस के रक्षा उपकरणों पर भारत दशकों तक निर्भर रहा है. क्या वो अमेरिका के पाले में खड़ा होकर पुतिन को नाराज करने का जोखिम उठा सकेगा? वो भी तब जब दोनों महाशक्तियों के नेता एक दूसरे को सीधे चुनौती दे रहे हैं. जुबानी जंग अगर असली जंग में तब्दील हो गई तो फिर भारत के लिए किसी का पक्ष लेना आवश्यक हो जाएगा. भारत को अगर चीन का सामना करना है तो उसके लिए अमेरिका और रूस दोनों के साथ साझीदारी की जरूरत होगी. तो अब किसे चुनेगा भारत?
Explosions from Russia on the border of Ukraine are signifying that war can start at any time. If the war of words turns into a real war, then it will be necessary for India to take one side. If India has to face China, then it will need a partnership with both America and Russia. So who will India choose now?