तीन महीने के भीतर तीन बड़े हमले. लाहौर बार-बार लहू-लुहान हो रहा है. क्या लाहौर को अब दहशतगर्दी को पनाह देने की सजा भुगतनी पड़ रही है. पिछले तीन महीने में हुए तीनों बड़े हमलों पर गौर करें तो जवाब-खुद ब-खुद सामने आ जाता है.