आतंकवादी अपने नापाक कारनामों में लगे हैं लेकिन पाकिस्तान के हुक्मरानों को इससे कोई मतलब नहीं. वो तो बस लगे हुए हैं अपनी कुर्सी बचाने और दूसरे को मात देने में. राष्ट्रपति जरदारी और प्रधानमंत्री गिलानी के बीच बिछी है बिसात. मोहरे हैं नवाज शरीफ से लेकर परवेज मुशर्रफ तक.