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Indian Car Market: टाटा की टशन और महिंद्रा के मैजिक से बेहाल विदेशी कार कंपनियां!

भारतीय कार बाजार में आ रहे बदलाव का सबसे ज्यादा फायदा टाटा मोटर्स को हो रहा है. बीते कुछ समय में कंपनी की बिक्री लगभग डबल हो गई है. इसके दम पर टाटा मोटर्सने हुंडई को पीछे छोड़ दिया है और अब मारुति सुजुकी के बाद दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी बन गई है. इस दौरान हुंडई, होंडा जैसी कंपनियों को नुकसान हुआ है.

बढ़ रहा देसी कंपनियों का दबदबा बढ़ रहा देसी कंपनियों का दबदबा
आदित्य के. राणा
  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 5:23 PM IST

भारतीय कार बाजार (Indian Car Market) की तस्वीर अब तेजी से बदल रही है. एक तरफ सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric Vehicles)को बढ़ावा दे रही है तो दूसरी ओर ग्राहकों की पसंद भी बदल रही है. छोटी कारों के लिए फेमस भारतीय ग्राहक अब एसयूवी खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. इन सारे फैक्टर्स का असर भारतीय कार बाजार पर साफ दिख रहा है. जहां टाटा मोटर्स (Tata Motors) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) जैसी भारतीय कार कंपनियों को इसका फायदा हो रहा है, वहीं विदेशी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी लगातार कम हो रही है.

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मारुति को हो रहा तेजी से नुकसान

भारतीय कार बाजार में हिस्सेदारी के लिहाज से बात करें तो मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) अभी भी नंबर वन पर बरकरार है, लेकिन हालिया समय में इस कंपनी की बाजार हिस्सेदारी तेजी से कम हुई है. कभी भारतीय कार बाजार पर यह कंपनी राज करती थी और अकेले आधी से ज्यादा कारें बेचती थी. वहीं अब स्थिति यह है कि मारुति सुजुकी की बाजार हिस्सेदारी कम होकर 40 फीसदी से भी नीचे आ गई है. पिछले तीन साल के दौरान मारुति सुजुकी की भारतीय कार बाजार में हिस्सेदारी में 8 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.

टाटा मोटर्स को हुआ सबसे अधिक लाभ

भारतीय कार बाजार में आ रहे इस बदलाव से सबसे ज्यादा फायदा टाटा मोटर्स को हुआ है. टाटा मोटर्स ने एसयूवी की बढ़ती डिमांड को देखते हुए नेक्सन (Tata Nexon), हैरियर (Tata Harrier) और पंच (Tata Punch) जैसे मॉडल लॉन्च किए. नेक्सन को तो भारतीय ग्राहकों ने खूब पसंद किया. इसका इलेक्ट्रिक अवतार नेक्सन ईवी भारतीय बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार है. वहीं टाटा की पंच वैसे ग्राहकों को पसंद आ रही है, जो कम बजट में एसयूवी का आनंद उठाना चाहते हैं. टाटा मोटर्स ने सेफ्टी के मामले में भी अहम बदलाव की अगुवाई की है. सेफ्टी रेटिंग को लेकर उदासीन भारतीय बाजार में टाटा ने एक के बाद एक फाइव स्टार सेफ्टी रेटिंग वाली कारें लॉन्च की. इन फैक्टर्स के दम पर टाटा मोटर्स ने हुंडई को पीछे छोड़ दिया है और भारतीय कार बाजार में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है.

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पिछले कुछ सालों के दौरान भारतीय बाजार में ये अहम बदलाव हुए हैं:

  • बीते 2 साल में टाटा मोटर्स की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर दोगुनी हो गई है.
  • टाटा मोटर्स भारत में कार बनाने और बेचने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है.
  • टाटा मोटर्स ने हुंडई को पीछे छोड़कर ये मुकाम हासिल किया है.
  • बीते 3 साल में मारुति सुजुकी की बाजार हिस्सेदारी 8 फीसदी कम हुई है.
  • हुंडई की बाजार हिस्सेदारी में 2 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है.
  • होंडा, टोयोटा और रेनॉ की बिक्री भी लगातार गिर रही है.

टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी देसी कंपनियों को यह कामयाबी ऐसे समय मिली है, जब ओवरऑल कार मार्केट में कमजोरी दर्ज की जा रही है. इन बदलावों के मुताबिक अगर 2021-22 और फिर अब जुलाई 2022 के महीने में कार मार्केट में कंपनियों के शेयर को समझें, तो देसी कंपनियों की मजबूत होती पकड़ का आसानी से अनुमान लगाया जा सकाता है.

कंपनी 2021-22 में हिस्सेदारी जुलाई 2022 में हिस्सेदारी
मारुति सुजुकी 43.65% 39.17%
हुंडई 15.78% 15.9%
टाटा मोटर्स 12.14% 14.36%
महिंद्रा एंड महिंद्रा 7.40% 7.69%
किआ मोटर 6.12% 6.89%
टोयोटा 4.06% 4.89%
रेनॉ 2.87% 2.14%
होंडा 2.81% 2.28%
स्कोडा+फॉक्सवैगन 2.16% 2.5%
एमजी मोटर्स 1.32% 1.15%

इस लिस्ट से साफ जाहिर हो जाता है कि 2019-20 तक कुल 50% मार्केट पर काबिज मारुति सुजुकी किस तरह से अब 40% के भी नीचे आ गई है. इसकी बड़ी वजह ये भी है कि मारुति की SUV सेगमेंट में बेहद कम हिस्सेदारी है. इसके साथ ही डीजल कारों का उत्पादन बंद करने से भी मारुति सुजुकी का मार्केट शेयर कम हुआ है. जुलाई में मामूली फायदे के बावजूद हुंडई का मार्केट शेयर भी पहले से कम हो गया है. लिस्ट में सबसे ज्यादा फायदा टाटा मोटर्स को होता नजर आ रहा है, जिसकी हिस्सेदारी 2018-19 के 6.8% से बढ़कर अब 14.36% हो गई है.

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देसी कंपनियों के इस कामयाब सफर में टाटा मोटर्स के साथ किस तरह से महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, ये समझने के लिए हाल ही में लॉन्च हुई SUV स्कॉर्पियो के इन आंकड़ों को देखा जा सकता है...

  • 31 जुलाई को सुबह 11 बजे इसकी बुकिंग शुरू हुई और 1 मिनट में ही इसने 25 हजार के आंकड़े को पार कर लिया.
  • इसका मतलब हुआ कि हर एक सेकेंड में 416 स्कॉर्पियो की बुकिंग की गई.
  • महिंद्रा ने अगले आधे घंटे में स्कॉर्पियो की एक लाख से ज्यादा बुकिंग की.
  • स्कॉर्पियो की कीमत के हिसाब से ये 18 हजार करोड़ रुपए का कारोबार है.

यह हाल तब है जबकि स्कोर्पियो कोई सस्ती कार नहीं है. इसकी एक्स-शोरूम कीमत की रेंज 12 लाख से साढ़े 19 लाख रुपए है. इस तरह से इस SUV की बिक्री फ्लैश सेल की तरह हुई है, जो कभी मोबाइल्स के मामले में देखने को मिलती थी. महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाट मोटर्स की इस कामयाबी से हुंडई और मारुति सुजुकी के अलावा टोयोटा, होंडा और फॉक्सवैगन जैसी दूसरी विदेशी कार कंपनियों को भी कड़ी चुनौती मिल रही है.

 

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