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EV पर मोदी सरकार का फोकस! इन 100 शहरों में दौड़ेंगी 10,000 इलेक्ट्रिक बसें, 55 हजार नौकरियों का दावा

PM E-Bus Seva: प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना के तहत देश के 100 शहरों में 10,000 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा. पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मोड वाली यह योजना 2037 तक चलेगी.

सांकेतिक तस्वीर: Electric Bus सांकेतिक तस्वीर: Electric Bus
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 5:44 PM IST

PM E-Bus Seva: सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने आज यानी बुधवार को पीएम ई-बस (PM E-Bus) सेवा योजना को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के साथ ही भारतीय रेलवे के लिए भी 7 परियोजनाओं को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना के लिए सरकार को 57,613 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दी गई है, जिसके तहत देश भर में 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा. 

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ई-बस योजना के लिए कुल 57,613 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, इसमें से केंद्र सरकार 20,000 करोड़ रुपये देगी और शेष राशि का भुगतान राज्य सरकारें करेंगी. ग्रीन मोबिलिटी और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए सरकार देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है. इसी के चलते अब देश के 100 शहरों में 10,000 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना बनाई गई है. 

किन शहरों में दौड़ेंगी ये इलेक्ट्रिक बसें: 

हालांकि अभी इस बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई है कि, किन शहरों में इन इलेक्ट्रिक बसों का संचालन पहले किया जाएगा. मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि, शहरों का चयन चुनौती पद्धति से किया जाएगा, यह योजना 3 लाख और उससे अधिक की आबादी वाले शहरों को कवर करेगी और उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां ऑर्गनाइज़्ड बस सर्विसेज नहीं हैं. 

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55,000 लोगों को रोजगार:

पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मोड वाली यह योजना 2037 तक चलेगी और इसके लिए 10 सालों तक सहयोग किया जाएगा. इस योजना के तहत सभी राजधानियों, केंद्र शासित प्रदेश, नार्थ-ईस्ट राज्यों और हिल स्टेशन को कवर किया जाएगा. सरकार का कहना है कि, ये स्कीम प्रत्यक्ष रूप से 45,000 से 55,000 लोगों को रोजगार देगी.

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल के तहत, बाइक शेयरिंग, साइकिल लेन जैसे गैर-मोटर चालित इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ बस रैपिड परिवहन परियोजनाएं विकसित की जाएंगी. इसके अलावा नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड, इंटेलिजेंट ट्रांजिट मैनेजमेंट सिस्टम, मल्टीमॉडल इंटरचेंज जैसी नई सुविधाओं भी शुरू किया जाएगा. 

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