
केंद्रीय बजट को सरल भाषा में आमजन को समझाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद से बीजेपी नेता हरकत में आ गए हैं. बीजेपी सांसदों से लेकर मंत्रियों तक में आम बजट को जनता को समझाने की होड़ मच गई है. पार्टी के नेता जहां मौका पाते हैं, वहीं मीडिया को बुलाकर बजट की बात करने लगते हैं. शुक्रवार को महाराष्ट्र के पुणे में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला.
शुक्रवार को केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने पुणे में कदम रखते ही पत्रकारों को बुलाया और आम बजट पर अपनी बात रखी. जब उनसे सवाल पूछा गया कि आखिर इतने आनन-फानन में पत्रकारों को सर्किट हाउस बुलाने की क्या जरूरत पड़ गई, तो उन्होंने कहा कि बजट से जनता, किसानों और उद्योगों को होने वाले फायदे की जानकारी सरल भाषा में आमजन तक पहुंचानी है.
गिरिराज सिंह ने कहा कि इस बार के आम बजट में देश के नौजवानों, गरीबों, मजदूरों, किसानों और उद्यमियों के हित में तमाम प्रावधान किए गए हैं, जिसकी जानकारी देश के लोगों को सरल भाषा में समझानी है. इसके लिए हर विभाग के मंत्री को कहा गया है कि वो जनता तक बजट की बारीकियों को पहुंचाए.
केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग (MSME) के लिए बजट में 59 फीसदी इजाफा किया गया है. इसका फायदा इन उद्योगों को मिल सके, इसके लिए जरूरी है कि इसकी जानकारी इनसे जुड़े लोगों तक पहुंचे. उन्होंने कहा कि बजट में ये प्रावधान इसलिए किया गया है, ताकि इस क्षेत्र में लोगों को और रोजगार हासिल हों. उन्होंने कहा कि बजट में इन उद्योगों को पांच फीसदी छूट दी गई, जिसका अच्छा असर पड़ेगा और रोजगार भी पैदा होंगे. दरअसल, बजट को लेकर मिडिल क्लास के लोगों में नाराजगी है. इस बजट पर बीजेपी की सहयोगी पार्टियां भी सवाल उठा चुकी हैं.
गिरिराज सिंह ने मीडिया से क्या-क्या कहा-
- केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बजट में किसानों को डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की व्यवस्था की गई है, जिससे किसान खुशहाल होगा. कृषि और MSME ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सबसे ज्यादा रोजगार पैदा होते हैं. यही वजह है कि मोदी सरकार ने इन दोनों क्षेत्रों में अहम कदम उठाए हैं.
- गिरिराज सिंह ने कहा कि 70 लाख लोगों को इस साल EPF नंबर मिलेगा. अगर EPF नंबर मिलेगा, तो रोजगार भी मिलेगा. यह आधिकारिक आंकड़ा है, जबकि हकीकत में ऐसे लोगों की संख्या 10 गुना अधिक होगी.
- केंद्रीय राज्यमंत्री ने दोहराया कि किसानों को उपज के डेढ़ गुना दाम देने का भरोसा इस बजट में किया गया है. किसान इसलिए नाराज चल रहे हैं, क्योंकि 70 वर्षों तक पहले की सरकारों ने काम नहीं किया, वो काम मोदी कर रहे हैं. जो लोग आज सवाल उठा रहे हैं, वो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट देख लें.
- उन्होंने कहा कि प्याज और टमाटर के दाम से किसान नाराज होते हैं. इस सरकार ने ग्रीन फ्लड योजना बनाई है और किसानों के दर्द को समझा है. साथ ही इस दिशा में कदम उठाया है.