Advertisement

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आए अच्छे संकेत, मूडीज ने कहा- दूसरी छमाही में पकड़ेगी रफ्तार 

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि इस साल की दूसरी छमाही यानी अगले महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी. हालांकि इसके बावजूद मूडीज इस अनुमान पर कायम है कि पूरे साल 2020 के दौरान भारत की जीडीपी में 3.1 फीसदी की गिरावट आएगी. 

aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 26 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 5:02 PM IST
  • कोरोना की वजह से जीडीपी में भारी गिरावट का है अनुमान
  • मूडीज ने कहा कि दूसरी छमाही में इकोनॉमी सुधरेगी
  • यह मंदी की तमाम आशंकाओं के बीच अच्छी खबर है

कोरोना संकट के बीच इकोनॉमी को लेकर लगातार आ रही निराशाजनक खबरों के बीच अब एक अच्छी खबर आई है. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि इस साल की दूसरी छमाही यानी अगले महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी. 
मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को कहा कि भारत, चीन और इंडो​नेशिया जी-20 के एकमात्र उभरते देश होंगे​ जिनकी जीडीपी वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में रफ्तार पकड़ लेगी. हालांकि इसके बावजूद मूडीज इस अनुमान पर कायम है कि पूरे साल 2020 के दौरान भारत की जीडीपी में 3.1 फीसदी की गिरावट आएगी. 

Advertisement

इसे भी पढ़ें: 53 दवाओं के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा भारत, मोदी सरकार ने बनाया प्लान

अगले साल आएगा सामान्य लेवल 

मूडीज ने अपने अगस्त के अपडेटेड ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2020-21 में कहा, 'उन्नत देशों के मुकाबले उभरते देशों में आर्थिक परिदृश्य ज्यादा चुनौतीपूर्ण है. हमारा अनुमान है कि चीन, भारत और इंडानेशिया ही जी-20 के ऐसे देश होंगे जहां साल 2020 की दूसरी छमाही में जीडीपी पर्याप्त गति पकड़ लेगी और 2021 में अर्थव्यवस्था कोरोना से पहले वाले दौर में पहुंच जाएगी.' 

अगले साल अच्छी ग्रोथ 

गौरतलब है कि मूडीज ने यह अनुमान लगाया है कि साल 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.9 फीसदी की दर से बढ़ेगी. हालांकि कोरोना से पहले भी भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत कोई बहुत अच्छी नहीं थी. साल 2019-20 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में महज 4.2 फीसदी की दर से बढ़त हुई है. यह पिछले 11 साल की सबसे कम बढ़त दर थी. 

Advertisement

इस साल गिरावट का सबका है अनुमान 

बीते दिनों भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी यह स्वीकार कर लिया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में ग्रोथ नेगेटिव रहेगी यानी इसमें गिरावट आएगी. इन्फोसिस के को-फाउंडर एन.आर. नारायणूर्ति ने भी आशंका जाहिर की है कि कोरोना की वजह से इस साल भारत की जीडीपी में आजादी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखी जा सकती है.

इसे भी पढ़ें: चमत्कारिक है पतंजलि की सफलता की कहानी, 8 हजार करोड़ से ज्यादा का कारोबार

कई रेटिंग एजेंसियों के अनुमान डराने वाले थे 

गौरतलब है कि इसके पहले तमाम रेटिंग एजेंसियों ने आशंका जताई थी कि कोरोना संकट के कारण भारत की जीडीपी में 3 से 9 फीसदी तक की गिरावट आएगी. रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने कहा है कि कोरोना की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच फीसदी की गिरावट आएगी. दूसरी तरफ, रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने चेतावनी दी थी कि भारत में आजादी के बाद चौथी मंदी आने वाली है और यह अबतक की सबसे भयानक मंदी होगी. 

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement