
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिए हैं कि आने वाले बजट में रेलवे में सुधार के लिए कड़े कदम उठाने के संकेत दिए हैं. भारतीय रेल में एकाउंटिंग संबंधी सुधारों पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने यह संकेत दिए.
वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे के इतिहास में 90 साल बाद ऐसा होने जा रहा है, जब अलग से कोई रेल बजट नहीं पेश होगा. उन्होंने कहा कि आज रेलवे एक प्रतिस्पर्धी दुनिया में है और उसे एयरलाइंस से भी मुकाबला करना पड़ रहा है. नकदी की तंगी के बावजूद एयरलाइंस को अच्छा कारोबार मिल रहा है. इसलिए रेलवे स्टेशनों का विकास एयरपोर्ट की तरह किया जा सकता है. स्टेशनों को वाणिज्यिक गतिविधियों का केंद्र बनाया जा सकता है. वित्त मंत्री ने कहा, 'उपभोक्ताओं से सिर्फ उन्हीं सेवाओं का पैसा लेना चाहिए जिसका वे इस्तेमाल करते हैं. जहां पर ऐसी व्यवस्था होगी, सिर्फ वही सेवाएं सफल हो पाएंगी.'
लोकलुभावनवाद से परहेज
वित्त मंत्री ने कहा कि लोकलुभावनवाद में तो यह कोशिश की जाती है कि उपभोक्ता जिन सेवाओं का इस्तेमाल कर रहा है, उसके लिए उससे कम पैसे लिए जाएं. लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने यह निर्णय लिया है कि लोकलुभावन कदम नहीं उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि एकाउंटिंग व्यवस्था को खुलासा करने वाली होना चाहिए, न कि चीजों को छुपाने वाली.