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बैड बैंक नहीं, NPA खत्म करने के लिए सरकार ने तैयार किया 5 सूत्री एजेंडा

देश में इस समय एनपीए की राशि लगभग 11 लाख करोड़ को पार कर चुकी है.  500 करोड़ से ज्यादा राशि वाले 200 लोन खाते हैं, जिनकी कुल लोन रकम लगभग तीन लाख करोड़ से ज्यादा की है.

पीयूष गोयल (फोटो फाइल) पीयूष गोयल (फोटो फाइल)
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

गैर निष्पादित संपत्त‍ि (एनपीए ) अथवा बैड लोन की समस्या से जूझ रहे बैंकिंग सेक्टर के लिए बैड बैंक बनाने का विचार फिलहाल सरकार ने छोड़ दिया है. इसकी बजाय सरकार ने एक पांच बिंदुओं का खाका अपनाने की तैयारी कर ली है. जिसे पंजाब नेशनल बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता के नेतृत्व वाली बैंकर्स कमेटी ने सरकार को सौंपा है. सोमवार को पीयूष गोयल ने कहा कि एनपीए से निपटने के लिए सुनील मेहता कमेटी ने पांच आयमी प्रोजेक्ट 'सशक्त' सरकार को दिया है. सरकार ने इसको स्वीकार कर लिया है.

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इन पांच बिंदुओं को लेकर देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि वह इसका नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक बैंक अपने निर्णय खुद लेता है. हम इस पहल के लिए तैयार हैं. पीयूष गोयल ने इस फैसले के बारे में कहा कि इससे बैंकों का ध्यान फिर से क्रेडिट ग्रोथ पर आएगा और बैंक अच्छे ऋणदाताओं को लोन दे पाएंगे. इस रिपोर्ट में 50 करोड़ तक , 50 से 500 करोड़ तक और 500 करोड़ से अधिक तक के लोन के लिए पांच बिंदुओं की सिफारिश की गई है.

50 करोड़ तक की राशि के लोन को SME रेजोल्यूशन अप्रोच के तहत लिया जाएगा और 90 दिनों के भीतर इनका निपटारा किया जाएगा. इसके बाद 50 से 500 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए बैंक लीड रेजोल्यूशन अप्रोच का प्रस्ताव है. इसके तहत बैंक एक दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे.

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बैंक विशेषज्ञों की एक समिति बनाकर प्रस्ताव तैयार करेगा और अगर वह इसे 180 दिनों के भीतर नहीं निपटा पाता है, तो इसका समाधान दिवालियापन कानून के तहत किया जाएगा.

500 करोड़ से ज्यादा के फंसे लोन के लिए एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) की स्थापना की जाएगी. AMC बैंको के एनपीए हुए लोन को खरीदेगा जिससे इस कर्ज का भार बैंकों पर नहीं पड़ेगा. ये कंपनी पूरी तरह से स्वतंत्र होगी. इसमें सरकार का कोई दखल नहीं होगा. AMC सरकारी और प्राइवेट क्षेत्रों के निवेशकों से धन जुटाएगी. गौरतलब है कि देश में इस समय 500 करोड़ से ज्यादा राशि के 200 लोन खाते हैं, जिनकी कुल लोन रकम लगभग तीन लाख करोड़ से ज्यादा की है

वित्त मंत्री का कहना है इन सिफारिशों का मकसद लोन समाप्त होने से नौकरियों के नुकसान को रोकना और व्यवसायों को फिर से जीवित करना है. इसके साथ ही नये रोजगार पैदा करना है. उन्होंने कहा कि ये सिफारिशें भविष्य में एनपीए को रोकने के लिए एक मजबूत शासन और क्रेडिट आर्किटेक्चर को सुनिश्चित करेगी.बता दें कि देश में इस समय एनपीए की राशि लगभग 11 लाख करोड़ को पार कर चुकी है.

प्रोजेक्ट 'सशक्त' के पांच आयाम :

-SME रेजोल्यूशन अप्रोच

- बैंक लीड रेजोल्यूशन अप्रोच

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- AMC/AIF लीड रेजोल्यूशन अप्रोच

- NCLT/IBC अप्रोच

- संपत्ति ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म   

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