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चीन की इकोनॉमी को बर्बाद कर रहा कोरोना, मैन्‍युफैक्‍चरिंग में आई रिकॉर्ड गिरावट

कोरोना वायरस के संक्रमण से चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा असर अब साफ दिखने लगा है. ताजा मासिक सर्वे के मुताबिक चीन का खरीद प्रबंध सूचकांक (पीएमआई) फरवरी में गिर कर 35.7 पर आ गया.

कोरोना वायरस ने 3 हजार से अधिक लोगों की जान ली है कोरोना वायरस ने 3 हजार से अधिक लोगों की जान ली है
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 29 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 5:27 PM IST

  • चीन का खरीद प्रबंध सूचकांक फरवरी में गिर कर 35.7 पर आ गया
  • सूचकांक का 50 से नीचे रहने का मतलब कारखाना उत्पादन घटा है

कोरोना वायरस के संक्रमण से चीन की अर्थव्यवस्था अब पस्‍त नजर आने लगी है. इस बात की पुष्टि चीन के मैन्‍युफैक्‍चरिंग आंकड़े करते हैं. दरअसल, फरवरी में चीन में मैन्‍युफैक्‍चरिंग गतिविधियां रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गईं.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चीन का खरीद प्रबंध सूचकांक (पीएमआई) फरवरी में गिरकर 35.7 पर आ गया. इस सूचकांक का 50 से नीचे रहना यह बताता है कि कारखाना उत्पादन घट रहा है. अगर सूचकांक 50 से ऊपर हो तो उसे उत्पादन में वृद्धि का संकेत माना जाता है. इसी तरह फरवरी में नॉन-मैन्‍युफैक्‍चरिंग गतिविधियों का सूचकांक 29.6 पर आ गया. यह जनवरी में 54.1 पर रहा था.

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2005 से जारी हो रहे हैं आंकड़े

चीन ने 2005 से मैन्‍युफैक्‍चरिंग से जुड़े इन आंकड़ों को जमा करना शुरू किया है. उसके बाद इसका यह सबसे खराब स्तर है. इससे पहले ब्लूमबर्ग के एक सर्वेक्षण में मैन्‍युफैक्‍चरिंग पीएमआई के फरवरी में हल्की गिरावट के साथ 45 रहने का अनुमान जताया गया था. लेकिन ताजा आंकड़ा उससे बहुत नीचे हैं.

जीडीपी ग्रोथ में आ सकती है गिरावट

इस बीच, विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इस साल की पहली तिमाही में चीन की जीडीपी ग्रोथ रेट में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिल सकती है. चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण का वाहन और विशिष्ट कल-पुर्जा उद्योग पर बुरा असर पड़ा है, लेकिन नॉन मैन्‍युफैक्‍चरिंग क्षेत्रों में असर अधिक भयावह हुआ है.

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ये भी पढ़ें- लगातार दूसरे महीने कोर इंडस्‍ट्री में तेजी, जनवरी में ग्रोथ 2.2% पर

ग्‍लोबली अर्थव्‍यवस्‍था पर संकट

बता दें कि चीन की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस संक्रमण के चलते एक तरह से पूरी दुनिया से कट गयी है. यह संक्रमण चीन से बाहर कई देशों में भी फैल चुका है. इस महामारी का विश्व की अर्थव्यवस्था पर असर गंभीर होने की आशंकाओं की वजह से वैश्विक शेयर बाजारों में 2008 के आर्थिक संकट के बाद का सबसे बुरा सप्ताह रहा. भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों को सिर्फ 6 कारोबारी दिन के भीतर 12 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं अमेरिकी शेयर बाजार भी ऐतिहासिक गिरावट के दौर से गुजर रहे हैं.

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