
संसद में बजट सत्र इस साल जनवरी में शुरू हो रहा है. 1 फरवरी को सरकार अपना बजट लेकर आ रही है. आजादी के बाद यह पहला मौका है कि रेल बजट को आम बजट में शामिल किया जा रहा है. इसकी पूरी तैयारी पिछले एक महीने से चल रही है. बजट बनाने में वित्त मंत्रालय की अहम भूमिका रहती है. मंत्रालय के कुछ विभाग सिर्फ इसी काम में लगे रहते हैं, वहीं मंत्रालय के कई आलाअधिकारी भी बजट प्रक्रिया में लगी टीम का हिस्सा रहते हैं.
फाइनेंस मिनिस्टर - बजट टीम की अगुवाई फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली करते हैं. बजट में दी जाने वाली सभी सौगात और कड़े प्रावधान का पूरा दारोमदार फाइनेंस मिनिस्टर पर रहता है. बजट की प्रशंसा और आलोचना पूरी तरह से फाइनेंस मिनिस्टर की होती है. 1 फरवरी को जब अरुण जेटली बजट स्पीच पढ़ेंगे, तबतक बजट में आने वाले सभी प्रावधानों पर पूर्ण गोपनियता बरती जाती है.
एमओएस फाइनेंस (वित्त राज्य मंत्री) - वित्त मंत्री के बाद सबसे अहम भूमिका वित्त राज्य मंत्री (फाइनेंस) की रहती है. वित्त मंत्रालय के तमाम विभागों से सभी जानकारियों को एकत्र करने का काम वित्त राज्य मंत्री द्वारा किया जाता है. वहीं वित्त मंत्री की बजट स्पीच को तैयार करने में भी राज्य मंत्री की अहम भूमिका रहती है. बजट 2017-18 में यह भूमिका वित्त राज्य मंत्री (फाइनेंस) संतोष कुमार गंगवार निभाएंगे.
फाइनेंस मिनिस्ट्री के अधिकारी- बजट प्रक्रिया में फाइनेंस मिनिस्ट्री के सचिव स्तर के सभी अधिकारियों की अहम भूमिका रहती है. इसमें वित्त सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव, रेवन्यू सचिव, फाइनेंशियम मामलों के सचिव समेत विनिवेश सचिव शामिल रहते हैं. जहां वित्त सचिव का काम केन्द्रीय बजट के बनने की प्रक्रिया को पूरी तरह से मॉनीटर करने का रहता है वहीं आर्थिक मामलों के सचिव अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टर्स का प्रतिनिधित्व करते हैं. वहीं बजट में टैक्स कैसे बढ़ाया जाएगा, कितनी छूट दी जाए जैसी महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी राजस्व सचिव की होती है.
इनके अलावा बजट प्रक्रिया में देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार की भी अहम भूमिका रहती है. मुख्य आर्थिक सलाहकार देश के सभी आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आर्थिक विकास, इंडस्ट्री, कृषि जैसे सभी अहम सेक्टरों के विकास का मॉडल तैयार करते हैं.