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'महाराजा' को खरीदने वाला नहीं मिला कोई, एयर इंडिया की नीलामी फेल

मंत्रालय ने कहा, 'लेनदेन सलाहकार ने सूचित किया है कि एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए निकाले गए रुचि पत्र (ईओआई) के लिए कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.'

एयर इंडिया एयर इंडिया
पॉलोमी साहा/वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2018,
  • अपडेटेड 10:39 PM IST

केंद्र सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र की उड़ान कंपनी एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए कोई बोली नहीं मिली है. नागर विमानन मंत्रालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. एयर इंडिया की रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री में इच्छुक पार्टियों की ओर से रूचि जाहिर करने की गुरुवार को अंतिम तारीख थी.

मंत्रालय ने कहा, 'लेनदेन सलाहकार ने सूचित किया है कि एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए निकाले गए रुचि पत्र (ईओआई) के लिए कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.' बयान में कहा गया है कि इस पर आगे की कार्रवाई उचित तरीके से तय की जाएगी. ईओआई को इस प्रक्रिया के लिए लेनदेन सलाहकार नियुक्त किया गया था.

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बता दें कि सरकार ने राष्ट्रीय विमानन कंपनी में 76 प्रतिशत इक्विटी शेयर पूंजी की बिक्री का प्रस्ताव किया है. आरंभिक सूचना ज्ञापन के अनुसार इसके अलावा एयर इंडिया के प्रबंधन का नियंत्रण भी निजी कंपनी को दिया जाएगा. इस सौदे के तहत एयर इंडिया के अलावा उसकी कम लागत वाली इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की भी बिक्री की जाएगी.

एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज एयर इंडिया और सिंगापुर की एसएटीएस लिमिटेड का संयुक्त उद्यम है. इससे पहले इसी महीने सरकार ने ईओआई जमा करने की तारीख को बढ़ाकर 31 मई किया था. पहले यह समयसीमा 14 मई थी. पात्र बोलीदाताओं को 15 जून तक सूचित किया जाना था.

सरकार एयरलाइन में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी अपने पास रखेगी. 28 मार्च को जारी ज्ञापन के अनुसार बोली जीतने वाली कंपनी को कम से कम तीन साल तक एयरलाइन में अपने निवेश को कायम रखना होगा. मार्च, 2017 के अंत तक एयरलाइन पर कुल 48,000 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था.

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