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EPFO ने भविष्य निधि निपटान के लिये यूएएन नियमों को शर्तों के साथ सरल बनाया

यह उन सदस्यों को राहत देने के लिए किया गया है, जिनकी नौकरी एक जनवरी 2014 से पहले समाप्त हो गई.

लव रघुवंशी/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 1:10 PM IST

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने उन लोगों के लिये भविष्य निधि निकासी जैसे दावों के निपटान के लिये सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) देने की जरूरत के प्रावधान में ढील दी है, जिन्होंने एक जनवरी 2014 से पहले सदस्यता छोड़ दी थी.

ईपीएफओ ने पिछले वर्ष दिसंबर में दावे के लिये आवेदनों पर यूएएन उपलब्ध कराने को अनिवार्य कर दिया. एक अधिकारी ने कहा, 'जिन सदस्यों को यूएएन आबंटित नहीं किए गए, उन्हें दावे के निपटान के लिए होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए नियमों में ढील देने का फैसला किया गया है.' उसने कहा कि यूएएन शुरू में उन सभी सदस्यों को आबंटित किए गए जो जनवरी से जून 2014 तक अंशधारक थे.

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यह उन सदस्यों को राहत देने के लिए किया गया है, जिनकी नौकरी एक जनवरी 2014 से पहले समाप्त हो गई. दावा फॉर्म पर यूएएन का उल्लेख अनिवार्य करने का मकसद किसी प्रकार की गड़बड़ी को रोकना है. चूंकि यूएएन, आधार, बैंक खाता आदि से जुड़ा है, अत: यह वैध दावाकर्ता को बिना किसी बाधा के राशि प्राप्त करने में मदद करता है.

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