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बकरीद से पहले पशुधन निर्यात पर सरकार ने लगाई रोक

बकरीद के अवसर पर खाड़ी देशों को पशुधन का निर्यात काफी बढ़ जाता है. लेकिन सरकार ने इसके पहले ही पशुधन निर्यात पर अनिश्‍िचतकालीन रोक लगा दी.

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-रायटर्स) प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-रायटर्स)
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 6:34 PM IST

देश में सभी बंदरगाहों से पशुधन निर्यात पर सरकार ने अनिश्चितकालीन रोक लगा दी है. जानवरों के हितों के लिए काम करने वाली संस्थाओं की मांग को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है. 

केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय ने सभी बंदरगाहों से पशुधन निर्यात रोकने का निर्णय लिया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय के राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, 'हमें यह जानकारी मिली कि डीपीटी के टूना पोर्ट (दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट, कच्छ) से भेड़ों और बकरियों का निर्यात किया जा रहा था. पशुधन की ऐसी एक खेप दुबई जा रही थी. इसका मतलब है कि उन्हें वध के लिए निर्यात किया जा रहा था.'  

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गौरतलब कि पशुओं की ऐसी बड़ी खेप ईद-उल-अजहा यानी बकरीद से पहले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जाती है. यूएई में इस त्योहार के अवसर पर ऊंटों और सांड़ों के अलावा बड़े पैमाने पर बकरियों और भेड़ों की कुर्बानी दी जाती है. बकरीद इस साल 22 अगस्त को मनाया जा सकता है.

जीव दया प्रेमियों और जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं ने इस निर्यात के बारे में शिकायत की थी. कुछ दिनों पहले ही नागपुर एयरपोर्ट से होने वाले ऐसे ही पशुधन निर्यात खेप का लोगों ने विरोध किया था. इसलिए सरकार ने सभी जगह से होने वाले पशुधन निर्यात पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. गुजरात सरकार ने भी ऐसी ही मांग की थी.

दिलचस्प यह है कि मंत्रालय ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब एनडीए सरकार के दौरान ही देश से पशुधन निर्यात में काफी तेजी आई थी. पशुधन निर्यात साल 2013-14 के 69.30 करोड़ रुपये से बढ़कर साल 2016-17 में 527.40 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. देश से खासकर भेड़ों और बकरियों का निर्यात होता है.

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